नई दिल्ली/गाजियाबादः उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार की सबसे बड़ी चिंता ग्रामीण इलाके और उन से सटे हुए कस्बे हैं. इसी कड़ी में गाजियाबाद के डासना नगर पंचायत द्वारा 15 टीमों को तैयार किया गया है. इन टीमों का मुख्य काम ऐसी कॉलोनियों को चिह्नित करना है, जहां लोगों को घरों में हल्का बुखार या जुकाम आदि के लक्षण हों.
गाजियाबाद में कोरोना मरीजों को कर रहे चिह्नितकोरोना मरीजों को कर रहे चिह्नित ऐसी कॉलोनियों में जाकर ये टीमें लोगों को मेडिकल किट उपलब्ध करा रही हैं. डासना नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी मनोज कुमार मिश्रा ने इस मामले में जानकारी दी. उनका कहना है कि हल्के बुखार और लक्षण को इस मेडिकल किट के इस्तेमाल से दूर किया जा सकता है. उनकी टीम का ये कार्य काफी कारगर साबित हो रहा है.
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घर-घर जाकर ले रही जायजा
जो 15 टीमें तैयार की गई है, वह कॉलोनियों में घर-घर जाकर स्थिति को समझ रही हैं. कॉलोनी के लोगों और संभ्रांत नागरिकों से भी डिटेल ली जा रही है. जिस घर के बारे में पता चल रहा है कि वहां पर बुखार आदि के सिम्टम्स हैं, उस घर को लेकर विशेष रुप से तैयारी की जा रही है.
नगर पंचायत के दफ्तर पर कोरोना मेडिकल किट का रिकॉर्ड मेंटेन किया जा रहा है. ग्रामीण इलाकों में प्रधानों की मदद लेकर इसी कार्य को किया जा रहा है. आपको बता दें कि मसूरी के ज्यादातर ग्रामीण इलाकों और उससे सटे कस्बों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या काफी कम पाई गई है.
मुख्यमंत्री ने रविवार को किया था गांव का दौरा
ग्रामीण इलाकों को लेकर सरकार काफी ज्यादा चिंतित है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को गाजियाबाद में थे. जहां पर उन्होंने भोवापुर गांव का दौरा किया. इसके बाद उन्होंने प्रेस ब्रीफ में बताया था कि वहां एक भी कोरोना का मरीज नहीं मिला. इसी तरह की कोशिश सभी ग्रामीण इलाकों और कस्बों में की जा रही है, जिससे कोरोना संक्रमण को गांव-गांव तक पहुंचने से रोका जा सका है.
संक्रमित मरीजों की संख्या भी पहले के मुकाबले कम हुई है और इसका सीधा कारण ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो मैनेजमेंट किया जा रहा है, वह है. साथ ही कस्बो में नगर पंचायत स्थानीय पुलिस और संभ्रांत नागरिकों को भी जोड़ा गया है.