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गाजियाबाद: बकाया भुगतान के बाद डी सील किया गया शिप्रा मॉल

गाजियाबाद नगर निगम बड़े टेक्स के बड़े बकायेदारों पर सख्त हुआ है. लाखों और करोड़ों के टैक्स बकायेदार दो मॉल्स पर नगर निगम की टीम ने कार्रवाई की है. जहां गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में स्थित एक मॉल को नगर निगम की टीम द्वारा सील किया गया है.

D Sealed Shipra Mall in ghaziabad
शिप्रा मॉल

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Published : Feb 9, 2021, 7:19 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद नगर निगम बड़े टेक्स के बड़े बकायेदारों पर सख्त हुआ है. लाखों और करोड़ों के टैक्स बकायेदार दो मॉल्स पर नगर निगम की टीम ने कार्रवाई की है. जहां गाजियाबाद के इंदिरापुरम में स्थित एक मॉल को नगर निगम की टीम द्वारा सील किया गया है. वहीं एक और माल को सील करने पहुंची नगर निगम की टीम ने माल प्रबंधन द्वारा 40 लाख रुपये चेक और बाकी की बकाया राशि के जल्द दिए जाने के आश्वासन पर डी सील कर दिया.

डी सील किया गया शिप्रा मॉल

'सुबह पहंची नगर निगम की टीम'

नगर निगम के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, बड़े बकायेदार जल्द ही नगर निगम की बकाए टैक्स का भुगतान कर दे नहीं तो, कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहे. गाजियाबाद के पॉश इंदिरापुरम में स्थित शिप्रा मॉल आज सुबह नगर निगम की टीम पहुंची और मॉल को बकाये की जानकारी दे मॉल्स को सील किये जाने का अनाउंसमेंट कराया गया. नगर निगम की टीम ने मॉल्स में मौजूद लोगों को बाहर निकाल सीलिंग की कार्रवाई शुरू की. दिल्ली एनसीआर के बड़े मॉल्स में शुमार शिप्रा मॉल प्रबंधन ने आनन फानन में 40 लाख रुपये की राशि का चेक के जरिये भुगतान किया और बकाया रकम को एक महीने में देने का आश्वासन दिया, जिसके बाद शिप्रा माल को डी सील कर दिया गया.

नगर निगम की टीम द्वारा ओमेक्स मॉल, इंदिरापुरम को कोई रकम चुकाने पर सील किया गया. अधिकारी के अनुसार, ओमेक्स माल पर 38 लाख 17 हजार रुपये का सम्पति कर बकाया था, जिसे आज बकाया सम्पति कर न देने पर सील किया गया है. वहीं शिप्रा माल पर 1 करोड़ 82 लाख का बकाया था. मॉल प्रबंधन ने 40 लाख का चेक नगर निगम को दिया है और बाकी रकम को अगले महीने तक चुकाने का भरोसा दिया है.

गाजियाबाद नगर निगम द्वारा संपत्ति कर वसूली के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत नगर निगम विभिन्न संपत्तियों से बकाया संपत्ति कर वसूल रहा है. निगम द्वारा उन तमाम संपत्तियों की लिस्ट तैयार की गई है, जिनके द्वारा लंबे समय से संपत्ति कर जमा नहीं कराया गया है.

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