नई दिल्ली:देश की पहली रैपिड रेल/Regional Rapid Transit System (RRTS) का प्रथम ट्रेन सेट 12 जून को गाजियाबाद पहुंचेगा. यह RRTS बीते 2 जून को गुजरात के सावली से रवाना हो गया है. जिसके बाद सड़क मार्ग से करीब 10 दिनों में यह गाजियाबाद आएगा. बता दें कि इस RRTS ट्रेन सेट को एलस्टोम के फ़ैक्ट्री से एक बड़े ट्रेलर पर रखकर भेजा गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक रैपिड रेल का पहला ट्रेन सेट हरियाणा की सीमा में प्रवेश कर चुका है. गुजरात के सावली से ग़ाज़ियाबाद की दूरी तक़रीबन एक हज़ार किलो मीटर है. रैपिड रेल के पहले ट्रेन सेट में कुल 6 कोच हैं. दुहाई डिपो में रैपिड रेल के पहले ट्रेन सेट के पहुंचने से पहले ट्रैक बनकर तैयार हो चुके हैं और ट्रेन की टेस्टिंग के लिए भी पूरी तैयारी है.
गाजियाबाद पहुंच रही रैपिड रेल NCRTC ने RRTS की ट्रेन सेट को बनाने के लिए मेसर्स एलस्टोम के साथ अनुबंध किया है. जिसके अनुसार मेसर्स एलस्टोम, मेरठ मेट्रो के लिए 10 तीन कोच वाली मेट्रो ट्रेन सहित 40 ट्रेनों की डिलीवरी करेगा. इनमे 6 कोच वाली 30 RRTS ट्रेने होंगी. ट्रेनों के निर्माण के साथ ही आगामी 15 सालों तक इन ट्रेनों के रख-रखाव का जिम्मा भी मेसर्स एलस्टोम का ही होगा. ट्रेन में कुशन वाली सीटें
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर के प्रायोरिटी सेक्शन पर मार्च 2023 तक देश की पहली RRTS ट्रेन चलाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए NCRTC तेजी से कार्य कर रहा है. RRTS ट्रेनों को जनता के लिए ऑपरेशनल करने से पहले इसकी कई प्रकार की टेस्टिंग की जाती है. साथ ही सिग्नलिंग, रोलिंग स्टॉक और सतत विद्युत सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए इसे कई प्रक्रियाओं द्वारा जांचा-परखा जाता है. सभी प्रक्रियाओं की सफल टेस्टिंग के बाद प्री-ऑपरेशनल ट्रायल होता है, जिसमें सफल होने के बाद ही ट्रेन को यात्रियों के लिए ऑपरेशनल किया जाता है.
आरामदेह, सुविधाजनक और यूजर फ्रेंडली 82 किमी लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर के 68 किमी का एक बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश में आता है, जबकि 14 किमी का हिस्सा दिल्ली में है. 17 किमी लंबे प्रायोरिटी सेक्शन में साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई आरआरटीएस स्टेशन और दुहाई डिपो है. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर से प्रति वर्ष लगभग 2,50,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आने का अनुमान है. कॉरिडोर के प्रयोरिटी सेक्शन पर अगले साल मार्च 2023 में RRTS ट्रेनें चलाने का लक्ष्य अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है. हालांकि इस पूरे कॉरिडोर पर ट्रेनों का संचालन वर्ष 2025 तक किया जाना है.
देश की पहली RRTS ट्रेन सेट की मुख्य विशेषताएं:-
• एयरोडायनेमिक प्रोफ़ाइल, उच्च गति पर हवा के खिंचाव को कम करने के लिए.
• एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 2X2 ट्रांसवर्स सीटिंग, ओवरहेड लगेज रैक वाली कुशन सीटें.
• हर ट्रेन में एक 'प्रीमियम क्लास कार' जो यूजर फ्रेंडली, अधिक लेगरूम, कोट हैंगर के साथ होगी.
• महिलाओं के लिए आरक्षित एक कोच.
• सीसीटीवी निगरानी, आधुनिक पैसेंजर अनाउंसमेंट और डिजिटल पैसेंजर इनफार्मेशन सिस्टम (PAPIS).
• वाई-फाई और ऑनबोर्ड इन्फोटेनमेंट.
• हर सीट पर मोबाइल चार्जिंग के लिए यूएसबी पोर्ट.
• दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर और आपातकालीन चिकित्सा परिवहन के लिए स्ट्रेचर की जगह.
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