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गांवों में निगरानी समितियां कैसे कर रही कोरोना की रोकथाम, देखिए ये रिपोर्ट

गाजियाबाद डीएम ने लोगों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए जिले की सभी ग्राम पंचायतों में कोरोना निगरानी समितियों का गठन किया था. गांवों में कोरोना निगरानी समिति कोरोना की रोकथाम को लेकर किस तरह से काम कर रही है. इसी का जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत ने बड़का आरिफपुर गांव में जाकर ग्राम प्रधान से बातचीत की. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

Corona Monitoring Committee preventing Corona virus infection in villages of Ghaziabad
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Published : Jul 14, 2020, 4:58 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने जिले के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को कोरोना महामारी से सुरक्षित रखने के लिए सभी 161 ग्राम पंचायतों में कोरोना निगरानी समितियों का गठन किया था.

'बचाव के लिए तमाम एहतियात बरत रहे'

हर एक गांव में निगरानी समिति में ग्राम प्रधान, नागरिक और स्वच्छाग्रही को रखा गया है. निगरानी समितियों को दायित्व दिया था कि वह अपने गांव के लोगों को कोविड-19 के बारे में संपूर्ण जानकारी मुहैया कराएंगे. साथ ही उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का महत्व समझाते हुए उनके बीच डिस्टेंसिंग और साफ सफाई के प्रोटोकॉल का अनुपालन कराएंगे.

ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना निगरानी समिति द्वारा किस तरह से कोरोना की रोकथाम को लेकर कार्य किया जा रहा है. इसी का जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम गाजियाबाद के बड़का आरिफपुर गांव पहुंची और ग्राम प्रधान के पति और बसपा नेता राकेश गौतम से बातचीत की.

'बचाव के लिए तमाम एहतियात बरत रहे'
बड़का आरिफपुर के ग्राम प्रधान पति राकेश गौतम ने बताया कि गांव को इस महामारी के संक्रमण से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए तमाम एहतियात बरती जा रही है. उन्होंने बताया कि गांव में कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए वालंटियर की एक टीम का गठन किया गया है, जिसकी महीने में दो बार बैठक होती है.

वालंटियर द्वारा गांव के हर एक घर में जाकर कोरोना से बचाव करने के तरीकों की जानकारी दी जा रही है. इस जानकारी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और घर से कभी भी बाहर निकलने पर मास्क या गमछे पहनने की बात बताई जा रही है.

'अभी तक कोई केस नहीं आया'

गौतम ने बताया कि पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम के जरिए गांव में लगातार अनाउंसमेंट कर लोगों को इस महामारी से बचाव करने के लिए जागरूक किया जा रहा है. लॉकडाउन के दौरान जब महानगरों से लोग वापस गांव में आए, तब बाहर से आने वाले तमाम लोगों को सख्ती के साथ दो हफ्ते के लिए उनके घरों में क्वारेंटाइन कराया गया. जिन लोगों में कोरोना के लक्षण देखने को मिले उनकी सूचना स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को दी गई.

प्रधान पति ने बताया कि ग्राम आरिफ बड़कापुर में अभी तक कोरोना का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. अगर आगे कोई कोरोना का मामला सामने आता है तो एहतियात के तौर पर गांव में कैंप लगाकर कोरोना की टेस्टिंग भी करवाई जाएगी.

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