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गाजियाबाद: भारतीय संस्कृति को देश दुनिया में पहुंचाता है चारू कस्टल फाउंडेशन - लिम्बा बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है नाम

वैसे तो भारतीय संस्कृति की मुरीद पूरी दुनिया है, लेकिन उसे और ज्यादा प्रचार-प्रसार के लिए चारू कस्टल फाउंडेशन प्रयासरत है.

Charu Castle Foundation
चारू कस्टल फाउंडेशन

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Published : Dec 5, 2021, 3:32 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद निवासी कलाकार पवन कपूर लोक नृत्य, लोक गायन, लोक कला सहित देश की अन्य कलाओं को देश दुनिया के साथ-साथ विश्व भर में उजागर करने का काम कर रहे हैं. पवन कपूर भारत देश में ही नहीं विदेशों में भी भारतीय संस्कृति के कार्यक्रमों का आयोजन कर चुके हैं. यहां तक के लोक नृत्य के सबसे बड़े आयोजन को लेकर उनकी संस्था का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है.

गाजियाबाद निवासी सीआईओएफएफ इंडिया (Official Partner of UNESCO) के राष्ट्रीय प्रतिनिधि (National Delegate) और चारू कस्टल फाउंडेशन (Charu Castle Foundation) के महासचिव पवन कपुर ने बताया कि चारू कस्टल फाउंडेशन की स्थापना गाजियाबाद में 2003 में हुई थी. तब से वह इससे जुड़े हुए हैं. चारू कस्टल फाउंडेशन की स्थापना चारू कपुर की मनुस्मृति में की गई थी जो कि खुद एक कलाकार थे. उन्होंने बताया कि चारू कस्टल एक ऐसी संस्था है जोकि लोक कला, लोक गायन, लोक नृत्य को लेकर भारत सहित विश्व में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में भाग लेती है और भारतीय संस्कृति को उजागर करती है. जिसमें युवाओं को खासकर महिलाओं को भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हैं.

भारतीय संस्कृति को देश दुनिया तक पहुंचाता है चारू कस्टल फाउंडेशन

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अभी तक चारू कस्टल द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय लोक नृत्य महोत्सवो में लगभग 70 हजार से ज्यादा छात्राएं भाग ले चुकी हैं, जो अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड है. यह आयोजन उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल और गुजरात में आयोजित हो चुके हैं. पिछले दो दशकों से चारू कस्टल भारतीय संस्कृति के लिए कार्य कर रही है. लोक कला, लोक संस्कृति और कलाकारों के उत्थान के लिए पेंटिंग प्रतियोगिता, वर्कशॉप, एग्जीबिशन और स्ट्रक्चर कैंपेन लगाए गए हैं.

संस्था का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज

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पवन कपूर का कहना है कि जहां एक ओर कोरोना महामारी में सभी काम रुक गए थे तो वहीं दूसरी ओर उन्होंने भारतीय संस्कृति को इन दिनों में एक नया आयाम दिया. उन्होंने ऑनलाइन फेस्टिवल का आयोजन किया. जिसमें भारतीय संस्कृति को लेकर अंतरराष्ट्रीय वेबीनार आयोजित किया गया. जिसमें मालदीव के एजुकेशन मिनिस्टर कई वाइस चांसलर और कलाकारों ने प्रतिभाग किया. एक ऑनलाइन महोत्सव जिसमें 20 देशों की संस्कृति को उजागर किया गया. इस कोरोना महामारी में भी उनका प्रयास रहा है कि वह भारतीय संस्कृति को देश दुनिया के बीच लेकर जाएं. पवन कपूर का कहना है कि वह उम्मीद करते हैं कि 2022 में वह कई बड़े कार्यक्रमों को शहर के बीच लेकर आएंगे.

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