नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर जश्न की तैयारी किसान कर रहे किसान के बीच जय वीरू और बसंती पहुंचे हैं. दरअसल, यह जय वीरू और बसंती पीलीभीत से आए ऊंट (Camels from Pilibhit) हैं. इनके साथ कई अन्य ऊंट भी आए हैं. पीलीभीत के रहने वाले निहंग सिख पूरन सिंह इन ऊंटो को लेकर आए हैं.
पूरन सिंह ने बताया कि इनमें मुख्य रूप से तीन ऊंट हैं. जिनका नाम जय वीरू और बसंती है. जय और वीरु सबसे महंगे ऊंट है. वहीं बसंती भी जमकर नाचती है. उनका कहना है कि अभी घोड़े भी आ रहे हैं. जल्द गाजीपुर बॉर्डर पर जश्न मनाया जाएगा और उस जश्न के मुख्य आकर्षण ये ऊंट होंगे. इन ऊंटों पर नगर कीर्तन भी निकाला जाएगा. किसान पूरण सिंह का कहना है कि मोदी जी ने तीनों कृषि कानून वापसी की घोषणा कर दी है, जिसके बाद जश्न तो बनता है. इसलिए पीलीभीत से इन ऊंटों के साथ यहां पर पहुंचे हैं.
ऊंटों को लेकर आए पूरण सिंह का कहना है कि इन सभी ऊंटों में जय और वीरू काफी जांबाज हैं. लंबे सफर पर चलने के बावजूद भी वह नहीं थकते हैं. यह दोनों ऊंट उनके सबसे ज्यादा विश्वसनीय हैं. इन ऊंटों (Camels in ghazipur border) को कठिन जगह पर पहुंचने के लिए भी वह कई बार इस्तेमाल करते हैं. रेतीले रास्तों पर भी यह ऊंट काफी कारगर साबित होते हैं. उन्होंने बताया कि बसंती नाम की मादा ऊंट जब डांस करती है तो काफी आकर्षक होता है. जब घोड़े और ऊंट एक साथ डांस करेंगे तो नजारा कुछ अलग ही होगा. घोड़े कल सुबह तक गाजीपुर बॉर्डर ((Ghazipur Border) पहुंच जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस जश्न का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे और अब वह वक्त आ गया है.
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गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों (farmers in ghazipur border) का कहना है कि बड़ी खुशखबरी का इंतजार कर रहे हैं. बड़ी खुशखबरी तभी आएगी जब एमएसपी की गारंटी (MSP Guarantee) को लेकर भी सरकार से बात होगी. संयुक्त किसान मोर्चा की आगामी बैठक के बाद तक यह निर्णय हो जाएगा कि रणनीति क्या है. इसके अलावा सरकार से आने वाली सूचना का भी इंतजार कर रहे हैं. जिसमें यह साफ हो पाएगा कि अगली वार्ता कब होगी, जिससे आंदोलन अपने निर्णायक मुकाम तक पहुंचने का रास्ता साफ हो पाए.
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