नई दिल्ली/गाजियाबाद: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक आज गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर है. गाजियाबाद का प्रदूषण स्तर रेड जोन में बरकरार है. हवा में बढ़ रहे प्रदूषण के चलते लोगों को कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. अभी यह कह पाना मुश्किल है कि आखिर कब तक लोगों को प्रदूषण के जहर से निजात मिल पाएगी. बीते कई सालों से देखने को मिला है कि दिवाली के बाद से ही दिल्ली एनसीआर गैस चैंबर में तब्दील होने लगता है.
गाजियाबाद में प्रदूषण के कहर को देखते हुए नगर निगम प्रदूषण को कम करने के लिए स्थाई समाधान निकालने की तरफ आगे बढ़ रहा है. युवा आईएएस अधिकारी और गाज़ियाबाद के नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने शहर में लंग्स ऑफ गाजियाबाद अभियान चला रखा है. अभियान के तहत शहर में मियावाकी तकनीक से पौधरोपण किया जा रहा है.गाजियाबाद नगर निगम के उद्यान प्रभारी डॉ अनुज ने बताया कि नगर निगम की खाली पड़ी जमीनों पर मियावाकी तकनीक से सघन वन विकसित किए जा रहे हैं.
डॉ अनुज बताते हैं कि हिंडन नदी के किनारे साईं उपवन के एक हिस्से में एक साल पहले एक भी पौधा नहीं था. मियावाकी तकनीक से पौधा रोपण किया गया. साल भर में पौधे पेड़ बनकर तैयार हो चुके हैं और जंगल का रूप ले लिया है. कुल दो वर्षों में घना जंगल बनकर तैयार हो जाएगा. मियावाकी तकनीक से विकसित हुआ ये वन ऑक्सीजन बैंक का काम करेगा. डॉ अनुज ने बताया नगर निगम द्वारा शहर में 10 इलाकों को चिन्हित किया गया था, जिनमें से पांच में मियावाकी तकनीक से पौधरोपण किया जा चुका है, जबकि बाकी में अभी जारी है. मियावाकी तकनीक से तकरीबन 50 हज़ार पौधे नगर निगम द्वारा लगाए जा चुके हैं.