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गाजियाबाद: ऑटो गियर्स ने भी शुरू की कर्मचारियों की छटनी, कारण साफ नहीं

गाजियाबाद के साहिबाबाद में अभी एटलस कंपनी के बंद होने की खबर सामने आई थी. वहीं अब साहिबाबाद ऑटो गियर्स कंपनी ने कर्मचारियों की छटनी शुरू कर दी है. ये मामला श्रमायुक्त तक पहुंच गया है.

auto gear private limited lay off their employees at sahibabad
ऑटो गियर्स ने शुरू किया लेऑफ

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Published : Jun 8, 2020, 7:29 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद:देश में लॉकडाउन के पहले चरणों से कई बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को लेऑफ पर भेजा. एक ऐसा ही मामला गाजियाबाद से सामने आया है. दरअसल गाजियाबाद के साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र की ऑटो गियर्स कंपनी के कर्मचारियों को लेऑफ पर भेजने का मामला श्रमायुक्त तक पहुंच गया है.

ऑटो गियर्स प्राइवेट लिमिटेड ने शुरू किया कर्मचारियों का लेऑफ

श्रमायुक्त का कहना है कि 186 मजदूरों को कंपनी ने लेऑफ कर भेजा है. श्रमायुक्त खुद कंपनी और मजदूरों से वार्ता कर रहे हैं. फिलहाल उन्होंने कहा कि कंपनी की मुख्य इकाई से कर्मचारियों को लेऑफ पर भेजने के लिए कहा गया है.

फैक्ट्री के बाहर कर्मचारी मजदूर करने नजर आए

ऑटो गियर्स कंपनी में ऑटो गियर बॉक्स बनाए जाते हैं. साल 1972 से यह कंपनी साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में स्थित है. कंपनी के कर्मचारी सोमवार की सुबह जब कंपनी में पहुंचे, तो उन्हें लेऑफ पर भेजने का फैसला किया गया. कर्मचारी यूनियन के लोगों ने भी इसका विरोध किया और प्रदर्शन भी किया. नोटिस में भी यह बात क्लियर नहीं थी कि कंपनी ने क्यों 186 कर्मचारियों को 'लेऑफ' पर भेजा है. हालांकि फैक्ट्री के बाहर 300 के करीब कर्मचारी प्रदर्शन करते हुए नजर आए. आशंका जताई जा रही थी कि एटलस कंपनी की तरह ऑटो गियर्स भी आर्थिक संकट से जूझ रही है. लेकिन अभी तक यह बात साफ तौर पर नहीं कहीं गई है. लेऑफ पर भेजने का कारण भी स्पष्ट नहीं किया गया है.

कर्मचारियों के सामने बड़ा संकट

श्रमायुक्त ने कहा कि कोई भी कंपनी कई कारणों से मजदूरों को लेऑफ पर भेजती है. अधिनियम की धाराओं के तहत यह किया जाता है. जिसमें आधी सैलरी मजदूरों को दी जाती है. हाल ही में एटलस ने अपने आर्थिक संकट की बात खुल कर रखी थी. लेकिन कर्मचारियों और मजदूरों को यह समझ नहीं आ रहा है कि ऑटो गियर्स ने ऐसा क्यों किया है. इसलिए उनकी चिंता बढ़ी हुई है. अगर कंपनी ने परमानेंट लेऑफ का ऐलान कर दिया है तो कर्मचारियों के सामने बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा. क्योंकि फिलहाल दूसरी नौकरी तलाशना किसी भी कर्मचारी या मजदूर के लिए आसान नहीं है.

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