नई दिल्ली/गाजियाबाद:गाजियाबाद में पत्रकार हत्याकांड से पहले का ऑडियो सामने आया है. ऑडियो में पत्रकार और चौकी इंचार्ज की बातचीत सुनाई दे रही है. ये बातचीत वारदात से 2 घंटे पहले की है. पत्रकार ने अपनी जान का खतरा बताते हुए इलाके के स्थानीय चौकी इंचार्ज को फोन किया था और बताया था कि रवि और उसके साथ के गुंडे इलाके में घूम रहे हैं.
गाजियाबाद: पत्रकार के फोन पर चौकी इंचार्ज ने बनाया था ये बहाना, ऑडियो आया सामने
गाजियाबाद में पत्रकार हत्याकांड से पहले का ऑडियो सामने आया है. पत्रकार की मौत से पहले का ऑडियो सामने आने के बाद पुलिस की काफी किरकिरी हो रही है. ऑडियो में ये साफ पता चल रहा है कि चौकी इंचार्ज पत्रकार की बातों को अनसुना कर दिया.
पत्रकार ने चौकी इंचार्ज को बताया था कि वह लड़के मारपीट करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन चौकी इंचार्ज ने काफी एटीट्यूड में बात करते हुए बोल दिया था कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है. पत्रकार की बात अनसुनी करते हुए फोन भी काट दिया था.
चौकी इंचार्ज नहीं चाहता था मुकदमा
चौकी इंचार्ज ऑडियो में ये कहते हुए भी सुनाई दे रहा है कि काफी मुकदमे बाजी हो गई है. मतलब साफ है कि चौकी इंचार्ज नहीं चाहता था कि मुकदमा आगे बढ़े. साफ तौर पर ये भी कहा जा सकता है कि इसी वजह से पत्रकार की हत्या हो गई. परिवार पहले ही आरोप लगा चुका है कि चौकी इंचार्ज बदमाशों से मिलीभगत कर चुका था.
जानबूझकर किया अनसुना?
अब सवाल उठता है कि एक पत्रकार की कीमत उत्तर प्रदेश में पुलिस वालों के लिए कुछ भी नहीं है? जब एक पुलिस वाले को एक पत्रकार फोन पर बताता है, कि कुछ लोग उसके इलाके में घूम रहे हैं और मारपीट कर रहे हैं, तो यह बात इतनी छोटी होती है कि अनसुना करके फोन काट दिया जाए?
मौके पर पुलिस तक ना भेजी जाए? यह सवाल बहुत बड़े हैं, लेकिन इससे भी बड़ा सवाल यह है कि क्या चौकी इंचार्ज ने वाकई में बदमाशों से मौके पर नहीं पहुंचने के लिए रिश्वत खाई थी? यह सभी बातें जांच में साफ होंगी. लेकिन पत्रकार की मौत से पहले का ऑडियो सामने आने के बाद पुलिस की काफी किरकिरी हो रही है.