नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद वासी इस बार दिवाली पर पटाखे नहीं फोड़ सकेंगे. जिला प्रशासन द्वारा गाजियाबाद में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर रखते हुए किसी भी प्रकार के पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. हालांकि पटाखा व्यापारी लगातार प्रशासन पर अनुमति देने का दबाव बना रहे हैं.
सिटी मजिस्ट्रेट गंभीर सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश का सख्ती से पालन कराया जा रहा है. अक्टूबर में गाज़ियाबाद का प्रदूषण स्तर 200 से अधिक रहा है. बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए किसी भी प्रकार के पटाखों की बिक्री के लिए अनुमति नही दी गई है.
सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि संबंधित थानों को निर्देशित किया गया है कि यदि कोई भी व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता है और पटाखे बेचता या फोड़ता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए. जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह द्वारा भी लोगों से पटाखे ना जलाने की अपील की गई है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पटाखों को जलाने को लेकर निर्देश जारी किए थे. प्रदेश में सिर्फ हरित यानी ग्रीन पटाखे की अनुमति दी गई थी. राज्य सरकार ने सूबे के 27 शहरों में वायु प्रदूषण की गुणवत्ता का आकलन करने के बाद प्रदेश में सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी थी. इसके अलावा जारी आदेश में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जिन जिलों में वायु प्रदूषण की गुणवत्ता खराब या उच्च श्रेणी के अंतर्गत है. वहां सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री व उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा.