नई दिल्ली/गाजियाबाद:कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन को तकरीबन चार महीने पूरे होने जा रहे हैं. आंदोलन शुरू होने के बाद किसानों ने कई त्योहार गाजीपुर बॉर्डर पर ही मनाए. अब किसान बॉर्डर पर होली की तैयारियों में जुट गए हैं. आंदोलन स्थल पर तकरीबन आधा दर्जन वसंत रखे गए हैं. आंदोलन के शुरुआती दिनों में ही राकेश टिकैत साफ कर चुके थे किसान होली भी इस बार गाजीपुर बॉर्डर पर ही मनाएगा.
ढोल नगाड़ों की बीच होली के गीत गाए जा रहे
होली का जश्न गाजीपुर बॉर्डर पर अभी से देखने को मिल रहा है. आए दिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से किसानों की मंडलियां ढोल नगाड़े लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचती हैं. मंडली में मौजूद बुजुर्ग किसान होली के गीत गाते हैं जबकि युवा ढोल नगाड़े बजाते हैं. यूपी गेट पर वसंत रखा गया है. इसके साथ ही आंदोलन स्थल की विभिन्न जगहों पर वसंत रखे गए हैं. किसान नेताओं का कहना है कि देश की सबसे बड़ी ऐतिहासिक होली गाजीपुर बार्डर पर बैठा किसान मनायेगा. इस बार की होली में कृषि विरोधी काले कानून जैसी सभी बुराईयां जल कर भस्म हो जाएंगी.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि होली देश का सबसे बड़ा त्योहार है. सभी धर्म के लोग इसे धूमधाम के साथ मनाते हैं. किसानों का घर अब गाजीपुर बॉर्डर है. ऐसे में जो भी त्योहार आएगा, उसे बॉर्डर पर ही मनाया जाएगा. ऐसे में होली भी किसान बॉर्डर पर ही धूमधाम के साथ मनाएगा.
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