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गाजियाबाद: तुराबनगर के चूड़ी व्यापारी बोले- 20 फीसदी ही रह गई दुकानदारी

तुराबनगर बाजार में दुकानदारों ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए तमाम प्रकार के इंतजाम कर रखे हैं. इसके बावजूद भी दुकानों में ना के बराबर ग्राहक पहुंच रहे हैं. इससे दुकानदारों को चिंता सता रही है कि बिक्री ना होने पर अब वह किस तरह से दुकानों का किराया भरेंगे और दुकान में काम करने वाले कर्मचारियों को तनख्वाह देंगे.

after three weeks of opening of shops in Turabnagar market shopkeepers are waiting for customers
तुराबनगर मार्केट में दुकानें खुलने के तीन हफ्ते बाद भी सन्नाटा

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Published : Jun 11, 2020, 11:15 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद जिला प्रशासन द्वारा 22 मई से व्यावसायिक गतिविधियों के लिए कई प्रकार की छूट दी गई थी. इसमें दुकानें खोलने की अनुमति भी दी गई थी. जिला में विभिन्न बाजारों के खोलने के लिए दिन और समय निर्धारित किए गए थे.

तुराबनगर मार्केट से ग्राउंड रिपोर्ट

हाल ही में दुकानें खोलने का समय रात्रि 9:00 बजे तक कर दिया गया है. गाजियाबाद में बाजार खुले हुए करीब तीन हफ्ते हो चुके हैं. ऐसे में बाजारों के क्या हालात हैं. इसी के बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम तुराबनगर मार्केट पहुंची और यहां दुकानदारों से बातचीत की.

दुकानदारों के चेहरे पर मायूसी

तुराबनगर मार्केट में एक दिन दाईं ओर की दुकानें खुल रही है तो वहीं दूसरे दिन बाईं ओर की दुकानें खुल रही हैं. दुकानें खुले करीब 3 हफ्ते हो चुके हैं, लेकिन अभी भी दुकानदारों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है, क्योंकि बाजार में ग्राहक नहीं हैं.

दुकानदारों ने बताया कि दुकानें खुलने के बाद अभी भी ग्राहकों में कोरोना वायरस डर देखने को मिल रहा है. इस वजह से ग्राहक बाजार में आने से बच रहे हैं. दुकानें खुलने के बाद भी बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है और ग्राहक ना के बराबर हैं.

20 फीसदी ही रह गई दुकानदारी

तुराबनगर मार्केट में महिलाओं के श्रृंगार जैसे आर्टिफिशियल जेवेलरी, चूड़ियां आदि सामान मिलता है. रेट भी काफी मुनासिब होते हैं तो ऐसे में आम दिनों में इस बाजार में पैर रखने की जगह तक नहीं मिलती है. यह बाजार कभी गुलजार होता था आज यह बाजार सन्नाटे के आगोश में है.

दुकानदारों का कहना है की बिक्री केवल 20 फीसदी ही रह गई है, क्योंकि इन दिनों शादियां बहुत कम हो रही हैं और जो शादियां हो रही हैं उनमें केवल 30 लोगों को ही अनुमति दी जा रही है ऐसे में बिक्री पर इसका बहुत असर पड़ा है.

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