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गाजियाबाद: गौशाला अंडरपास के जलभराव में डूबने से एक युवक की मौत

डूबे हुए लड़के को स्थानीय युवकों ने रस्सी के सहारे अंडरपास में से बाहर निकाला. युवकों ने पहले भी एक किशोर को भी डूबने से बचाया था. इन स्थानीय युवकों की हर जगह तारीफ हो रही है. वहीं मामले में नगर निगम की लापरवाही की वजह से दूसरे किशोर की जान चली गई. इस मामले में अब उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही है. लापरवाह नगर निगम कर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ भी जांच की मांग की जा रही है.

A young man died after drowning in a waterlogging Ghaziabad Gaushala underpass
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Published : Aug 28, 2020, 7:23 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: यूपी के गाजियाबाद के गौशाला अंडरपास में हुए जलभराव में डूबने वाले लड़के की पहचान हो गई है. लड़के की उम्र करीब 20 साल बताई जा रही है, जो इलाके में ही किराए पर रह रहा था. जलभराव में नगर निगम ने पंप लगाया, जिसके बाद स्थानीय युवकों की मदद से लड़के को पानी में से बाहर निकाला गया.

युवक को रस्सी के सहारे बाहर निकाला गया

लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. आपको बता दें कि गौशाला अंडर पास में हुए जलभराव में दो लड़के डूब गए थे. स्थानीय युवकों की मदद से एक को बाहर निकाल लिया गया था. लेकिन दूसरे की जान नहीं बचाई जा सकी.


युवक को रस्सी के सहारे बाहर निकाला

डूबे हुए युवक को स्थानीय युवकों ने रस्सी के सहारे अंडरपास में से बाहर निकाला. युवकों ने पहले भी एक किशोर को डूबने से बचाया था. इन स्थानीय युवकों की हर जगह तारीफ हो रही है. वहीं मामले में नगर निगम की लापरवाही की वजह से इस युवक की जान चली गई. नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि निचला इलाका होने की वजह से यहां पानी भर जाता है. पानी को हर बार पंप की मदद से बाहर निकाला जाता है. हालांकि अंडरपास से पानी की निकासी की व्यवस्था को लेकर कोई ठोस कदम उठाने की बात अभी भी नगर निगम ने नहीं की है.


हर बारिश के बाद होता है यही हाल

बारिश के बाद हर बार गोशाला अंडरपास का यही हाल होता है. अंडरपास में इतना पानी भर जाता है कि उसमें बीते सालों में एक बस भी डूबते-डूबते बची थी. हाल ही में उसमें एक गाड़ी भी डूब गई थी. लेकिन नगर निगम की नींद टूटने का नाम नहीं ले रही है. अगर पानी निकासी की परमानेंट व्यवस्था कर दी जाए तो इस तरह के हादसे रोके जा सकते हैं. मामले में अब उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही है. लापरवाह नगर निगम कर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ भी जांच की मांग की जा रही है.

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