नई दिल्ली:पंजाब से मेरठ अपने मजदूर बेटे को लेने आई मां अचानक लाॅकडाउन होने के कारण मेरठ में फंस गई. जिसके बाद वापस घर जाने की आस में वह मेरठ से अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ भूखी प्यासी गाजियाबाद के लिए पैदल ही रवाना हो गई. जो अब मुरादनगर के आश्रय स्थल में रहकर सरकार से पंजाब भेजे जाने की गुहार लगा रही है.
अपने मजदूर बेटे और 6 साल की बेटी को लेकर पंजाब के लिए निकली एक मां
एक मां पंजाब से अपने मजदूर बेटे को वापस लेने के लिए मेरठ के मवाना शहर आई थी, जोकि अचानक लाॅकडाउन होने के कारण मेरठ में ही फंस गई. गाजियाबाद से प्रवासियों को वापस उनके घर जाने की खबर सुनकर मां अपने मजदूर बेटे और 6 साल की बेटी को मेरठ से गाजियाबाद के लिए पैदल ही रवाना हो गयी, जो मुरादनगर के आश्रय स्थल में ठहरी हुई है.
गाजियाबाद से प्रवासियों को वापस उनके घर जाने की खबर सुनकर मां अपने मजदूर बेटे और 6 साल की बेटी को मेरठ से लेकर गाजियाबाद के लिए पैदल ही रवाना हो गयी. जो अब मुरादनगर के आश्रय स्थल में इसी आस में ठहरी हुई है कि उनको गाजियाबाद प्रशासन जल्दी उनके घर वापस पंजाब भेजेगा.
ईटीवी भारत को मुरादनगर के आश्रय स्थल में रह रही बेबस मां ने बताया कि वह पंजाब के संगरूर जिले से मेरठ के मवाना शहर में काम कर रहे अपने बेटे को वापस घर ले आने के लिए आई थी, लेकिन अचानक लाॅकडाउन हो जाने से वह वापस अपने घर नहीं जा पाई. इसलिए प्रशासन से वह यही गुहार लगा रही हैं कि उन्हें वापस उनके परिवार में पंजाब भेज दिया जाए.
महिला के बेटे संदीप ने बताया कि वह मवाना में होटल पर काम करते थे. उन्होंने अपनी अम्मी को यह कहकर अपने पास बुलाया कि उनको तनख्वाह मिल रही है. लेकिन अचानक लाॅकडाउन की वजह से फंस गए. किसी ने उनको सूचना दी कि गाजियाबाद से पंजाब के लिए बस जा रही हैं. इसीलिए वह मवाना से पैदल ही गाजियाबाद के लिए रवाना हो गए.