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Sharadiya Navratri: गाजियाबाद के प्राचीन देवी मंदिर में सुबह से ही भक्तों के आने का लगा तांता

गुरुवार सात अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) शुरू हाे गयी है. कोरोना के कारण गत वर्ष श्रद्धालु मंदिराें में पूजा नहीं कर सके थे. इसलिए इस नवरात्रि में मंदिरों में माता के दर्शन की इजाजत मिलने के बाद बड़ी संख्या में भक्त मंदिर में पहुंचे. गाजियाबाद के प्राचीन देवी मंदिर का प्रांगण मां के जयकारों से गूंज रहा था.

गाजियाबाद के प्राचीन देवी मंदिर में सुबह से ही पूजा करने पहुंचे श्रद्धालु.
गाजियाबाद के प्राचीन देवी मंदिर में सुबह से ही पूजा करने पहुंचे श्रद्धालु.

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Published : Oct 7, 2021, 5:18 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबादःगाजियाबाद के प्राचीन देवी मंदिर में सुबह से ही भक्तों के आने का तांता लगा हुआ था. मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ थी. हालांकि सभी कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए दर्शन कर रहे थे. मंदिर प्रशासन भी अलर्ट था. साेशल डिस्टेंसिंग (social distancing) का पालन करते हुए दर्शन करने की अपील की जा रही थी.

कोरोना महामारी के बाद पहली बार मंदिरों में देवी मां के दर्शन की इजाजत मिली है. ऐसे में मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया गया है. भक्तों का कहना है कि नवरात्र के दौरान यहां माता की पूजा अर्चना करने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. श्रद्धालुओं का कहना था कि माता रानी से कोरोना से निजात दिलाने की प्रार्थना कर रहे हैं.

गाजियाबाद के प्राचीन देवी मंदिर के महंत ने बताया क्याें प्रसिद्ध है ये मंदिर.

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मंदिर के महंत श्री नारायण गिरी ने बताया कि आज अश्विनी शुक्ल पक्ष का पहला दिन है और मंदिर में मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना हो रही है. भक्त यहां दूर दूर से आ रहे हैं. मंदिर की सजावट पहले से ही की जा चुकी थी. रंग बिरंगी लाइटाें से मंदिर को सजाया गया है. भक्त पूजा सामग्री के साथ दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं.

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पूजन सामग्री की बिक्री के लिए मंदिर के बाहर दुकानें लगी हुई हैं. लंबे समय बाद दुकानदारों के लिए भी नवरात्र का यह मौका बड़ी उम्मीद लेकर आया है.मंदिर में चाराें ओर फुलाें की खुशबू फैली थी. महंत श्री नारायण गिरी ने बताया कि प्राचीन दुर्गा देवी मठ मंदिर करीब 500 साल पुरानी है. दूर-दूर से भक्त यहां पहुंचते हैं. यह देवी मंदिर प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर (Near to Ancient Dudheshwar Nath Temple) से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है.


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