नई दिल्ली/गाजियाबाद:लंबे इंतजार के बाद गाजियाबाद में प्राइमरी स्कूल खुल गए हैं. सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए सोमवार से छोटे-छोटे बच्चे भी स्कूल पहुंचने लगे हैं. बिना मास्क आए बच्चों के अभिभावकों को बुलाकर सलाह दी जा रही है कि बच्चों को सभी नियम मानने के लिए प्रेरित करें.
स्कूलों की तरफ से सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी व्यवस्था की जा रही है. वहीं, गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के सर्वे के मुताबिक, 97 फीसदी अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने में असहमति जताई है.
कराया था रेंडम सर्वे
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा सरकार के एक मार्च से कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को स्कूल भेजने के निर्णय पर गूगल फार्म के माध्य्म से रेंडम सर्वे कराया गया. एसोसिएशन के मुताबिक, सर्वे में शामिल 97% अभिभावको ने बच्चों को अभी स्कूल भेजने पर असहमति जताई है.
पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने बताया एसोसिएशन द्वारा गूगल फार्म के माध्य्म से एक रेंडम सर्वे कराया गया, जो कि सरकार के एक मार्च से कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को स्कूल खोलने के निर्णय पर था. इसमें अभिभावकों को स्कूल भेजने पर सहमति/असहमति जताना था. सर्वे में शामिल 97% पेरेंट्स ने छोटे बच्चो को अभी स्कूल भेजने के लिये असहमति जताई है.
ये भी पढ़ेंःआज से बुजुर्गों का वैक्सीनेशन: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री से जानिए क्या है व्यवस्था और प्रक्रिया
बच्चों के स्वास्थ्य व सुरक्षा को लेकर हैं चिंतित
सीमा त्यागी ने बताया कि अभिभावक बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर चिंतित है. मीडिया के माध्यम से लगातार खबरे आ रही हैं कि 5 राज्यों में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है. इसको लेकर पेरेंट्स में भय व्याप्त है. पेरेंट्स बच्चों के लिये कोई रिस्क लेने के लिए तैयार नही हैं.
ज्यादातर पेरेंट्स का कहना है कि अभी सरकार को जुलाई तक छोटे बच्चों के लिए स्कूल नहीं खोलना चाहिए. छोटे बच्चों का स्कूल जाकर नियमों का पालन करना लगभग असंभव है.