नई दिल्ली/गाजियाबाद :कोरोना महामारी के लगभग 2 साल बाद अब जिंदगी थोड़ी सामान्य होने लगी है. कोरोना की वजह से स्कूल और कॉलेज बंद पड़े थे. अब इसे फिर से खोला जा रहा है. आज से उत्तर प्रदेश में कक्षा 1 से 5 तक के विद्यालय खुल गये हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 की बैठक में स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखने के सख्त निर्देश दिए, लेकिन बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर अभिभावकों का रुझान नहीं है.
Ghaziabad Parents Association ने कराया सर्वे, 90% अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने में असहमत - बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर अभिभावकों का रुझान
कोरोना महामारी के दो साल बाद कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए स्कूल तो खोल दिये गये, लेकिन एक सर्वे में सामने आया है कि ज्यादातर अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं हैं.
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दरअसल, गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन (जीपीए) ने अभिभावकों की बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर राय जानने के लिये गूगल सर्वे कराया था, जिसमें 250 से ज्यादा अभिभावकों ने हिस्सा लिया, जिसमें 90% अभिभावकों ने एक सितम्बर से बच्चों को स्कूल नहीं भेजने के पक्ष में वोट किया, जबकि 10% अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में वोट किया.
गाजियाबाद में खुले स्कूल, जलभराव के चलते नहीं पहुंचे बच्चे
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारी कौशल ठाकुर ने कहा कि अभी प्रदेश सरकार को छोटे बच्चों के लिए स्कूल खोलने के निर्णय पर पुनः विचार करना चाहिए. देश के वरिष्ठ डॉक्टर और वैज्ञानिकों के माध्यम से आ रही रिपोर्ट के अनुसार अभिभवकों में भय का माहौल है. अभिभावक इस माहौल में अपने बच्चों के प्रति कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. जीपीए का एक महीने में किया गया दो बार सर्वे भी इसी तरफ संकेत दे रहा है. सरकार को प्रदेश के नौनिहाल का भविष्य दांव पर नहीं लगाना चाहिए.