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गौतमबुद्ध नगर सीमा पर रोके गए तीन ट्रकों में 150 मजदूर

ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद की सीमा पर तीन ट्रकों में भरकर जा रहे 150 मजदूरों को पुलिस ने रोक लिया है. ट्रक ड्राइवर का कहना है कि इन मजदूरों को ग्रेटर नोएडा से ट्रक में बैठाया गया था और गाजियाबाद छोड़ने के लिए कहा गया था. जिसके कारण यहां दोनों सीमा की पुलिस आमने-सामने आ गई.

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Published : May 13, 2020, 6:34 PM IST

150 laborers being loaded in three trucks on the border of Greater Noida and Gaziabad were stopped
गौतमबुद्ध नगर

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद में विजय नगर और ग्रेटर नोएडा की सीमा पर पुलिस के बीच विवाद देखने को मिला है. ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद की सीमा पर तीन ट्रकों में भरकर जा रहे मजदूरों को रोका गया.

गौतमबुद्ध नगर सीमा पर रोके गए तीन ट्रकों में 150 मजदूर

यहां दोनों पुलिस आमने-सामने आ गई. ट्रक ड्राइवर का कहना है कि इन मजदूरों को ग्रेटर नोएडा से ट्रक में बैठाया गया था और गाजियाबाद छोड़ने के लिए कहा गया था. तो वहीं गौतम बुद्ध नगर पुलिस इस बात से इंकार कर रही है. फिलहाल विजय नगर पुलिस ने सभी मजदूरों को रोक दिया है. मजदूर रोड पर ही बैठे हुए हैं जिनके साथ छोटे-छोटे बच्चे भी मौजूद हैं.


जहां से आए वही भेजा जाएगा

विजय नगर पुलिस ने यह साफ कर दिया है कि मजदूर जहां से आए हैं, वहीं वापस उन्हें भेज दिया जाएगा. पुलिस इन को वापस भेजने का इंतजाम कर रही है. पुलिस को पता चला है कि इनमें से कुछ मजदूर खोड़ा इलाके के रहने वाले हैं, तो कुछ मजदूर ग्रेटर नोएडा और गौतम बुद्ध नगर के अलग-अलग हिस्सों के रहने वाले हैं.

अभी तक यह बात पूरी तरह से साफ नहीं हो पाई है कि इन्हें ट्रकों में किसने चढ़ाया. ट्रक ड्राइवरों से भी पूछताछ की जा रही है. मूल रूप से ज्यादातर मजदूर बिहार और मध्य प्रदेश के रहने वाले बताए जा रहे हैं. तीन ट्रकों में भरे हुए मजदूरों की संख्या करीब डेढ़ सौ बताई जा रही है.


सामने आ रही मजबूरी की तस्वीरें

पुलिस भले ही सीमा विवाद में उलझी हो, लेकिन सवाल यह है कि इन मजदूरों का क्या कसूर है. इन्हें नहीं पता कि इन्हें इनके घर कैसे पहुंचना है. बस यह तो निकल पड़े हैं एक अनजान सफर पर जो कब पूरा होगा, इन्हें भी नहीं पता. क्योंकि पैदल बिहार या मध्य प्रदेश तक जाना मुमकिन नजर नहीं आता है.

थोड़ी दूरी पर चलते ही अगर कोई ट्रक मिल जाए, तो उसमें बैठ जाते हैं और फिर अगली सीमा पर उतर जाते हैं. कई बार पुलिस इन्हें रोक लेती है, तो कई बार इन्हें वापस भेज दिया जाता है. ऐसे में मजबूरी की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं. इस समस्या का क्या समाधान होगा यह वक्त बताएगा.

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