नई दिल्ली/मेरठः गाजियाबाद में गैंगरेप की शिकार 12 वर्षीय बच्ची ने लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज (LLRM) में एक बच्चे को जन्म दिया है. कोर्ट के आदेश पर गंभीर हालत में भर्ती हुई बच्ची का यहां के डॉक्टरों ने सफलता पूर्वक डिलीवरी 3 दिन पहले 5 अक्टूबर को कराई है. अब गाजियाबाद पुलिस ने नवजात बच्चे के पिता का पता लगाने के लिए शनिवार को मेडिकल कॉलेज पर पहुंचकर डीएनए सैंपल लिया. हालांकि तीनों आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और मामला कोर्ट में विचाराधीन है.
सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई 12 साल की बच्ची के मां बनने के बाद परिजन पूरी तरह से टूट गए हैं. मां बनी बच्ची अभी तक हकीकत से अंजान है. परिजनों द्वारा नवजात को पैदा होने के बाद से ही नकार दिया गया. तीन दिन से नवजात नीकू वॉर्ड में नवजात एडमिट है. अब मां और बच्चे के भविष्य का फैसला अदालत करेगी. पीड़िता के पिता का कहना है कि उनके सामने बड़ी अजीब स्थिति है, वे क्या करें, क्या न करें कुछ समझ ही नहीं पा रहे हैं. न चाहकर भी उन्हें ये दिन देखने पड़ रहे हैं, क्योंकि उनके जिगर के टुकड़े उनकी बेटी की जिंदगी का सवाल है.
गौरतलब है कि सामूहिक दुष्कर्म की शिकार बिटिया सातवीं कक्षा में पढ़ती है. शरीर में बदलाव होने पर परिजनों को अक्टूबर में ही बेटी के साथ हुए दुष्कर्म के बारे में पता चला था. मासूम बिटिया के पेट के बढ़ने के बाद उसकी मां ने प्रेग्नेंसी टेस्ट किट से ये जाना था कि वह गर्भवती है. क्योंकि समय अधिक हो गया था ऐसे में चिकित्सकों ने भी कोई भी रिस्क लेने से मना कर दिया था. ऐसे में कोर्ट के आदेश पर परिजन अपनी बच्ची को मेरठ मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे. जहां पीड़िता की डिलीवरी कराई गई.
पीड़िता के पिता ने बताया कि बेटी के साथ हुए दुष्कर्म का पता लगने पर इंसाफ की गुहार अफसरों से लगाई थी. पीड़िता के पिता ने बताया कि जनवरी में उनके फ्लैट के नीचे फर्स्ट फ्लोर पर कुछ लड़के रहते थे, उनके द्वारा उनकी बेटी के साथ डरा धमका कर सामूहिक दुष्कर्म किया था. उन्होंने बताया कि दुष्कर्मी उनकी बेटी को डराकर बार-बार उसके साथ दरिंदगी करते रहे. पिता ने बताया कि उन्होंने और मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों द्वारा बताया गया है कि उसे पथरी है और उसी का ऑपरेशन हुआ है.