दिल्ली

delhi

ETV Bharat / city

मिसाल: 100 साल की चंद्रो देवी करती हैं बूट पॉलिश, जज्बा देख करेंगे गर्व

उम्र भले ही 100 के पार हो, लेकिन चंद्रो देवी का जज्बा कम नहीं. चंद्रो देवी के बेटे बेटी, और पोते पोती सब हैं. वो इन्हें काम करने से मना भी करते हैं.

By

Published : Mar 8, 2020, 8:35 PM IST

100 year old Chandro Devi does boot polish in Ghaziabad
चंद्रो देवी बनी मिसाल

नई दिल्ली/ गाजियाबाद:मौका महिला दिवस का है और ऐसे में साहिबाबाद की सबसे बुजुर्ग महिला का जिक्र ना हो, ऐसा कैसे हो सकता है. 100 साल की बुजुर्ग चंद्रो देवी गाजियाबाद में बूट पॉलिश करती हैं. पिछले कई दशकों से चंद्रो देवी इस काम को कर रही हैं. लोग दूर-दूर से उनके पास अपने टूटे हुए जूते चप्पल ठीक करवाने के लिए आते हैं. आज भी वह अपने रूटीन काम पर ही नजर आईं.

चंद्रो देवी बनी मिसाल
बेटा बेटी, पोता पोती सब हैंउम्र भले ही 100 के पार हो, लेकिन चंद्रो देवी का जज्बा कम नहीं. चंद्रो देवी के बेटे बेटी, और पोते पोती सब हैं. वो इन्हें काम करने से मना भी करते हैं, लेकिन चंद्रो जी कहती हैं

उन्हें घर पर बैठना अच्छा नहीं लगता. इसलिए रोजाना अपने काम पर आ जाती हैं. उन्होंने अपने बच्चों को इसी काम से पाल-पोस कर बड़ा किया है. चंद्रो जी कहती हैं कि अपने काम को कैसे छोड़ दें?

साहिबाबाद के श्याम पार्क मोड़ पर करती हैं बूट पॉलिश
चंद्रो देवी वैसे तो साहिबाबाद की दुर्गा कॉलोनी की रहने वाली हैं, लेकिन श्याम पार्क मेट्रो स्टेशन के पास, श्याम पार्क के कट पर वह रोजाना अपनी छोटी सी दुकान पर आ जाती हैं. अपना लंच साथ लेकर आती हैं और सुबह से लेकर शाम तक वह यहां काम करती हैं.

चंद्र जी कहती हैं कि वह अपने लायक रोजाना बतौर कमाई 50 से 100 रुपये कमा लेती हैं. चंद्रो जी कहती हैं, कि यह रकम उनके लिए काफी है क्योंकि उनके खर्चे ज्यादा नहीं है. महिला दिवस के दिन भी चंद्रो जी अपने काम पर आईं. चंद्रो जी ने यह भी कहा कि वह इस काम से जुड़ा हुआ सामान लेने भी खुद ही जाती हैं. होली के बाद सामान लेकर आएंगी.


सबसे ज्यादा फेमस है चंद्रो जी
चन्द्रों जी जहां पर बूट पॉलिश करती हैं, ना सिर्फ उस जगह के आसपास, बल्कि पूरे ट्रांस हिंडन एरिया में काफी फेमस हैं. कभी बीमार हों, या किसी और कारणवश काम पर ना आएं, तो लोग उनके घर जाकर उनका हालचाल तक पूछते हैं. उनकी छोटी सी दुकान के पास एक चाय वाला भी उनकी काफी मदद करता है. इसी तरह से बाकी दुकानदार भी उन्हें पहचानते हैं, लेकिन वह किसी की मदद नहीं लेना चाहती. इनकी कहानी सुन और देख कर ऐसा लगता है कि इन्हें 100 साल की बुजुर्ग कहें या 100 साल की जवान. इनके इसी काम को देखते हुए कहा जा सकता है कि चंद्रो जी एक मिसाल हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details