नई दिल्ली/पलवल: 12 जुलाई को घाघोट गांव में 12 साल के बच्चे की हत्या कर दी गई थी. इस ब्लाइंड मर्डर केस को पुलिस ने अब सुलझा लिया है. पलवल पुलिस ने 12 साल के मासूम की हत्या में उसी के चाचा को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपी चाचा योगेश के खिलाफ अपहरण के साथ आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया है.
कैसे सुलझा मामला ?
पलवल की अमरपुर चौकी पुलिस को 12 जुलाई को सूचना मिली थी कि गांव घाघोट से 12 वर्ष का बच्चा दिनेश घर से लापता हुआ है. पुलिस ने बच्चे के दादा रामचंद्र की शिकायत पर गुमशुदगी का पर्चा दर्ज किया था. उसके बाद परिजनों द्वारा परिवार के ही सदस्य योगेश पर शक होने पर अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया गया.
जिस पर पुलिस ने योगेश को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की. जिला पुलिस अधीक्षक दीपक गहलावत ने बताया कि शुरुआत में तो योगेश कई तरह की बातें और बहाने बनाता रहा, लेकिन इस दौरान सीडीआर और दूसरे कई और साक्ष्य सामने आने के बाद जब उससे कड़ाई से पूछताछ की गई तब उसने अपना जूर्म कबूला.
उसने पुलिस को बताया कि उसी ने ही 12 जुलाई को कटेसरा गांव के एक के खेत में ले जाकर गला दबाकर दिनेश की हत्या कर दी थी. आरोपी ने हत्या करने के पीछे राज उगलते हुए बताया कि उसने मृतक बच्चे दिनेश के दादा रामचंद्र से 2 लाख रुपये उधार लिए हुए थे. जिसका उसने एक पंचायत में तकादा करते हुए उसकी बेइज्जती कर दी थी.
बस आरोपी ने बच्चे के दादा रामचंद्र से खार रखते हुए बदला लेने की योजना बनाई. जिसके तहत उसने प्लानिंग करते हुए पहले बच्चे को अपने विश्वास में लिया. जिसके लिए उसने पिछले दस-पंद्रह बच्चे को पैसे देकर अपने पास बुलाना शुरू कर दिया था. वारदात के दिन उसने बच्चे को 50 रुपये देकर उसके घर से पैदल बुलाया था और उसके बाद उसे मोटरसाइकिल पर बैठाकर अपने साथ ले गया.
गांव में ही गन्ने के खेत में ले जाकर उसने 12 साल के मासूम को मौत के घाट उतार दिया और शव को भी छिपाने की कोशिश की. पलवल एसपी ने बताया कि बच्चे की हत्या करने की साजिश उसकी अकेले की थी और उसने अकेले ही उस बच्चे की हत्या की है. आरोपी को 16 जुलाई को गिरफ्तार कर 2 दिन की रिमांड पर लिया गया था.