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फरीदाबाद की 'डेथ वैली', जिसने 'सम्मोहन' से लील लीं सैकड़ों जिंदगियां

युवाओं को इस झील के बारे में जानकारी इंटरनेट के माध्यम से मिलती है. दिल्ली और उसके आसपास बने कॉलेजों में पढ़ने वाले युवा इंटरनेट पर सर्च करने के बाद इस झील पर रोमांच करने के लिए आते हैं. इस झील का नाम इंटरनेट पर 'डेथ वैली' यानी 'खूनी झील' के नाम से मशहूर है.

फरीदाबाद की सम्मोहन करने वाली 'डेथ वैली'!

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Published : Jun 23, 2019, 10:33 AM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: अरावली पर्वतों की श्रृंखला करीब 692 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है. इस श्रृंखला में कई झीलें भी हैं. जिनमें से एक झील को मौत की झील यानी 'डेथ वैली' कहा जाता है. इस झील के बारे में अब तक शायद आपने सिर्फ सुना ही होगा, लेकिन आज ईटीवी भारत पर हम आपको उस खूनी झील को दिखाएंगे भी और बताएंगे भी कि क्यों इस झील को खूनी झील कहा जाता है.

'डेथ वैली' जिसने सैकड़ों जानें लील ली

तस्वीरों में यह झील आपको जितनी शांत और सुंदर दिखाई दे रही है. इस झील का इतिहास उतना ही खतरनाक है. साफ पानी को देखकर आपका भी मन गोते लगाने को कर जाएगा, लेकिन कहा जाता है कि आज तक अगर कोई अन्जान शख्स इस पानी में गया तो वो कभी वापस नहीं आया. पर्वतों के बीच बनी इस खूनी झील तक पहुंचना इतना आसान नहीं है.

इस झील तक पहुंचने के लिए आपको जंगल और बेहद दुर्गम रास्ते को पार करना पड़ेगा. इसके लिए कई अड़चनें भी आएंगी. शुरुआती नजर में आपको सब कुछ सामान्य लगेगा. झील में भरा पानी आपको अपनी ओर आकर्षित भी करेगा. आप अपने आपको झील के पानी में जाने से नहीं रोक पाएंगे. क्योंकि झील का पानी एकदम साफ होता है, लेकिन झील के पानी में जाने के बाद सब कुछ एकदम से असामान्य हो जाता है. साफ दिखने वाला पानी आपकी जिंदगी छीन सकता है.

युवा जल्दी बन जाते हैं शिकार!
झील में डूबकर होने वाली मौतों का आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है. इन मौतों की मुख्य वजह झील की गहराई का अंदाजा ना होना है. जिस वजह से पानी में जाने के बाद लोग इस गहराई को माप नहीं पाते और अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठते हैं.


पहाड़ों के बीचों बीच बनी इस खूनी झील की गहराई 250 से 300 फीट तक है. पानी इतना गहरा है कि अगर गलती से कोई नीचे की तरफ जाना शुरू हो गया तो फिर ऊपर आने का सवाल ही नहीं उठता. यही उनकी मौत की वजह बनता है. कोई अधिकारिक आंकड़ा नहीं होने की वजह से आसपास के लोगों का कहना है कि उनके हिसाब से अब तक हर सीजन में 100 से भी ज्यादा लोग अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठते हैं. जिनमें अधिकतर युवा शामिल हैं.

युवाओं में बढ़ता मौत का रोमांच!
युवाओं को इस झील के बारे में जानकारी इंटरनेट के माध्यम से मिलती है. दिल्ली और उसके आसपास बने कॉलेजों में पढ़ने वाले युवा इंटरनेट पर सर्च करने के बाद इस झील पर रोमांच करने के लिए आते हैं. इस झील का नाम इंटरनेट पर 'डेथ वैली' यानी 'खूनी झील' के नाम से मशहूर है.

ऐसे बनी थी झील
इस झील के निर्माण के बारे में बात करें तो साल 1990 से पहले यहां पर माइनिंग का काम चलता था. लगातार खुदाई की वजह से झील 250 से 300 फीट गहरी हो गई 1990 में खदान के काम पर रोक लगा दी गई. जिसके बाद इन गहरे गड्ढ़ों को ज्यों का त्यों छोड़ दिया गया. झील की गहराई ज्यादा होने की वजह से बरसात के मौसम में अरावली से विभिन्न धाराओं से निकलकर पानी इस झील को लबालब भर देता है.

झील में डूबकर लगातार हो रही मौतों के बाद प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह बनी कि इन मौतों पर कैसे अंकुश लगाया जाए, किस तरह से युवाओं को इस झील तक पहुंचने से रोका जाए. पुलिस प्रशासन ने कुछ दिन झील के रास्ते में एक चौकी भी बनाई और यहां पर कई चेतावनी बोर्ड भी लगाए, लेकिन वक्त बीतने के साथ पुलिस चौकी को भी हटा दिया गया और आज चेतावनी बोर्ड का अभी कोई पता नहीं है. आलम यह है कि हर साल कई युवा इस झील में डूबकर अपनी जिंदगी गंवा रहे हैं.

'किस्सा हरियाणा के' इस ऐपिसोड में यह थी फरीदाबाद की अरावली में बनी खूनी झील की कहानी. इस कहानी का हर पहलू सच है. अब तक सैकड़ों जिंदगियां इस झील में खत्म हो चुकी हैं. अगर आप भी इंटरटेनमेंट के लिए इंटरनेट पर सर्च कर इस झील पर आना चाहते हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है, क्योंकि इस झील की गहराई जिंदगी छीन सकती है.

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