नई दिल्ली/पलवल: प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना किस तरह से दम तोड़ रही है इसका जीता जागता उदाहरण पलवल के नागरिक अस्पताल में देखा जा सकता है. एक ओर जहां कोरोना के चलते गर्भवती महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलना बंद हो गया था. वहीं दूसरी ओर जब इस योजना को दोबारा शुरू किया गया तो गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य विभाग पर भेदभाव सहित कई आरोप लगाती नजर आ रही हैं.
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना का नहीं मिल रही महिलाओं को लाभ बता दें कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य विभाग की ओर से न केवल पौष्टिक आहार बल्कि कैल्शियम-आयरन की दवाओं सहित सभी टेस्टों की सुविधा दी जाती है, लेकिन कोरोना के चलते इस योजना को कुछ महीनों के लिए बंद कर दिया गया था. जिसके बाद अब सितंबर महीने में इस योजना को दोबारा से शुरू किया गया है.
नागरिक अस्पताल में जांच के लिए पहुंची गर्भवती महिलाओं ने बताया कि अस्पताल में घंटों के इंतजार के बाद भी उन्हें जांच की सुविधा नहीं मिल पा रही है, जबकि अस्पताल में तैनात स्टाफ से सांठगांठ करने वाले लोगों को बिना नंबर के पहले ही जांच के लिए भेजा जा रहा है. वहीं जब इस बारे में वहां मौजूद महिला चिकित्स्क से बात करनी चाहिए तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर दिया.
हमारी टीम इन महिलाओं की शिकायत सुनने के बाद पुराने सोहना रोड स्थित पीएचसी पहुंची. यहां जांच के लिए पहुंची गर्भवती महिलाओं ने भी अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि सरकार की ओर से दिया जाने वाला आहार भी नहीं दिया जा रहा है और ना ही यहां गर्भवती महिलाओं से संबंधित आयरन और कैल्शियम की दवाईयां उपलब्ध है.
वहीं पीएचसी पर कार्यरत मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर ऋषभ ने बताया कि कोरोना जैसी महामारी के चलते प्रधामंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन अब फिर से योजना को शुरू किया गया है. उन्होंने दावा किया कि कोरोना की वजह से थोड़ी परेशानी है, लेकिन अगले दो महीनों में योजना पहले जैसे ही शुरू कर दी जाएगी.