नई दिल्ली/पलवल: हरियाणा पुलिस में होमगार्ड की नौकरी कर रहे 30 वर्षीय व्यक्ति की बुधवार को सड़क हादसे में हुई मौत के मामले में परिजनों ने शव लेने से माना कर दिया है. परिजनों ने विभाग से मृतक के परिवार के लिए आर्थिक मदद और एक नौकरी की मांग की. उन्होंने इसको लेकर गुरूवार को सरकारी अस्पताल में जमकर हंगामा किया.
होमगार्ड मौत मामले में परिजनों ने शव को लेने से किया मना एसपी के आदेश पर मौके पर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया. काफी समझाने और उनकी मांगें मानने के बाद मामला शांत हुआ. पलवल के गांव स्वामीका निवासी सुभाष ने बताया कि उसका भाई राकेश पिछले आठ-दस साल से हरियाणा पुलिस में होमगार्ड की नौकरी कर रहा था. बुधवार को उसकी ड्यूटी राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात थाना के समीप चेक पोस्ट पर लगी हुई थी.
दोपहर के समय दिल्ली की तरफ से एक गाड़ी आ रही थी. बताया गया कि उसके भाई ने उस गाड़ी को रुकने का इशारा किया, लेकिन उस गाड़ी चालक ने गाड़ी नहीं रोकी और उसके भाई को सीधी टक्कर मार दी. टक्कर लगाने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई. मृतक के शव को सरकारी अस्पताल में लाया गया, लेकिन उसके परिजनों ने शव को लेने से मना कर दिया.
होमगार्ड विभाग से उन्होंने मृतक के परिवार को नौकरी देने और आर्थिक मदद करने की मांग की है और कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी तब तक वो शव को नहीं उठाएंगे. वहीं गुरूवार को परिजनों ने सरकारी अस्पताल में जमकर हंगामा किया और शव को राष्ट्रीय राजमार्ग पर रखने की बात कही. सुरक्षा के तौर पर एसपी के आदेश पर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया.
बाद में होमगार्ड की डिप्टी कमांडेंट तान्या ने परिजनों को आश्वासन दिया कि वो विभाग की तरफ से मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये और 6 हजार रुपये दाह संस्कार के लिए दिए जाएंगे और मृतक के बेटे को नौकरी के लिए जो भी उचित कार्रवाई होगी वो की जाएगी और वो इसके बारे में उच्च अधिकारियो से भी बात करेंगी. इसके साथ-साथ एसपी ने भी पांच लाख रुपये देने की बात कही. उनकी मांगें पूरी होने के बाद परिजनों ने विरोध करना बंद किया. जिसके बाद पुलिस ने शव को परिजनों को सौंप दिया.