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पलवल: 28 साल में 60 हजार से ज्यादा पौधे लगा पर्यावरण प्रेमी ने पेश की मिसाल - हरियाणा पर्यावरण प्रेमी

पलवल के पुरुषोत्तमलाल खंडेलवाल 60 हजार से भी अधिक पौधे सडक़ों, पार्को, सार्वजनिक स्थलों पर लगा चुके हैं. उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि अपने बुजुर्गो और परिवार के किसी भी सदस्य के जन्मदिवस पर पौधा रोपण अवश्य करें ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके.

Palwal environment lover Purushottam Lal Khandelwal
पलवल: 28 साल में 60 हजार से ज्यादा पौधे लगा पर्यावरण प्रेमी ने पेश की मिसाल

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Published : Sep 12, 2020, 10:18 PM IST

नई दिल्ली/पलवल:मोती कॉलोनी निवासी पुरुषोत्तमलाल खंडेलवाल पिछले 28 सालों में 60 हजार से भी अधिक पौधे सडक़ों, पार्को, सार्वजनिक स्थलों पर लगा चुके हैं. यही नहीं उन्होंने हर साल हरसिंगार के पौधे के एक लाख बीज निशुल्क वितरित करने का भी संकल्प लिया है. पुरुषोत्तमलाल खंडेलवाल श्री हरश्रृंगार सेवा ट्रस्ट भी चलाते हैं. ट्रस्ट ने औषधीय गुणों वाले पौधों और पर्यावरण संरक्षण को लेकर कई किताबें प्रकाशित की हैं. उन्होंने घर में ही वाटिका बनाई हुई है.

पर्यावरण प्रेमी ने पेश की मिसाल

पुरुषोत्तमलाल ने बताया कि उन्होंने अपने घर में एक छोटी सी वाटिका भी बना रखी है. जिसमें हरसिंगार, सतावर, अश्वगंधा, पत्थर चट्टा समेत 100 से अधिक औषधीय पौधे लगा रखे हैं. वे गुलाब, गुड़हल, पोतल पॉम, सिल्वर यूका, नामबोर के पौधे रोपने के साथ ग्रामीणों को जागरूक भी कर रहे हैं.

पुरुषोत्तमलाल के लिए पौधारोपण उनका जुनून बन चुका है. पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गए कार्यो को लेकर पुरुषोत्तमलाल खंडेलवाल को मुख्यमंत्री, राज्यपाल एवं कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है. वो राजस्थान प्रांत की अग्रणी साहित्यिक सांस्कृतिक, शैक्षिक प्रतिष्ठान श्रीनाथ द्वारा पर्यावरण प्रवर की उपाधि से भी सम्मानित किए जा चुके हैं. उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि अपने बुजुर्गो और परिवार के किसी भी सदस्य के जन्मदिवस पर पौधा रोपण अवश्य करें ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके.

देश में श्वेत क्रांति, हरित क्रांति के तर्ज पर हरियाली क्रांति चलाई जानी चाहिए. लेकिन हरियाली क्रांति में लोक भागीदारी हो इसे लोगों के संस्कार से जोड़ा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मौलिक कर्तव्यों में हर नागरिक को पौधे लगाने की बात होनी चाहिए. हमें पर्यावरण के मामले में अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों पर ज्यादा जोर देने की जरूरत है.

पर्यावरण को हुई काफी हानि

पिछले कुछ दशकों में मानव संपदा के विकास के साथ-साथ पर्यावरण को काफी हानि हुई है. बड़े बड़े पर्यावरणविद और वैज्ञानिक ये बता रहे हैं कि इसी हानि का नतीजा है कि आज पूरी पृथ्वी का संतुलन बिगड़ गया है. इस बिगड़ते संतुलन की वजह से ही मनुष्य बड़ी-बड़ी आपदाओं का शिकार हो रहा है. कोरोना महामारी ने आज पूरी दुनिया में पैर पसार लिए हैं. बड़ी जनसंख्या घनत्व वाले शहर आज तबाही के कगार पर हैं. आए दिन भूकंप आ रहे हैं. हालांकि इन परिस्थितियों में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो पर्यावरण को बचाने में अथक प्रयास कर रहे हैं.

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