नई दिल्ली/पलवल: जिले में किसानों को फसल अवशेष यानी पराली न जलाने के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से उपायुक्त नरेश नरवाल ने लघु सचिवालय से दो मोबाइल जागरूकता वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
इस दौरान उपायुक्त नरेश नरवाल ने कहा कि मोबाइल जागरूकता वैन जिले के रेड जोन और ऑरेंज जोन में आने वाले ग्रामीण इलाकों में जाकर किसानों को जागरुक करेगी. इस जागरुकता अभियान के तहत किसानों को पराली ना जलाने, और पराली के उचित प्रबंधन के बारे में बताया जाएगा. इस मौके पर कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. महावीर सिहं और उपमंडल कृषि अधिकारी डॉ. कुलदीप तेवतिया भी मौजूद थे.
किसानों से पराली ना जलाने की अपील
उपायुक्त नरेश नरवाल ने बताया कि पलवल जिले में करीब पचास हजार एकड़ में धान की फसल की रोपाई की गई है. धान की फसल से उत्पन्न होने वाले फसल अवशेषों को किसान जलाने का काम करते हैं जिसकी वजह से पर्यावरण में प्रदूषण फैलता है. उन्होंने कहा कि किसानों को पराली न जलाने के प्रति जागरूक करने के लिए जिला प्रशासन से जागरूकता अभियान शुरू किया है. उन्होंने ने बताया कि पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
पराली जलाने वाले किसानों पर होगी सख्त कार्रवाई
उपायुक्त नरेश नरवाल ने बताया कि फसल अवशेष जलाने से जमीन में मौजूद सूक्ष्म जीव मर जाते हैं, जिससे उस जमीन की ऊवर्रक शक्ति नष्ट हो जाती है और जमीन की भौतिक संरचना बिगड़ती है. उन्होंने कहा कि किसानों खेतों में पराली जलाने की बजाय उनका उचित प्रबंधन करें.
उपायुक्त ने बताया कि जिले में फसल अवशेष जलाने वाले किसानों की सैटेलाइट से तस्वीरें ली जा रही है और उन किसानों को नोटिस भी जारी किए जा रहे है. उन्होंने बताया कि अभी तक जिले में 10 किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है और पंचायतों को भी निर्देश दिए गए है कि गांवों में किसानों को जागरूक करें कि पराली ना जलाएं.