नई दिल्ली/पलवल:कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन का सबसे ज्यादा मार प्रवासी मजदूरों पर पड़ रहा है. पलवल स्थित हरियाणा-यूपी करमन बॉर्डर के रास्ते रोजाना हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार जा रहे हैं.
पैदल ही घर जाने को मजबूर प्रवासी श्रमिक पिछले लगभग दो महीने से लगे लॉकडाउन की वजह से मजदूर परेशान हैं. उनके पास अब ना तो रोजगार है और ना ही पैसे. जिसके चलते प्रवासी मजदूर पैदल ही घर जाने को मजबूर हैं.
गांव जाना चाहते मजदूर
राजस्थान से झारखंड जाने वाले एक प्रवासी मजदूर ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि उनके पास जमा पैसा अब खत्म हो चुका है. वहीं जिस ठेकेदार के पास काम कर रहे थे. उसने पैसे देने से मना कर दिया है. जिसके चलते उनके पास अब अपने घर जाने के अलावा कोई चारा नहीं है.
वहीं गुरुग्राम से बनारस जाने वाले एक प्रवासी मजदूर ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से अब ना तो उनके पास कोई काम है और ना ही खाने के लिए पैसा. उन्होंने कहा कि रास्ते में सामाजिक संगठनों के सहयोग से उन्हें कुछ भोजन मिल जा रहा है. लेकिन सरकार ने अभी तक उनकी कोई मदद नहीं की है. जिसके चलते वो अपने गांव जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अगर यहां रहे तो भूखों मर जाएंगे.
एक तरफ तो सरकार यह कह रही है कि सभी मजदूरों को घर भेजने की व्यवस्था की गई है. सरकार के मंत्री मीडिया के सामने आकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ सड़क पर पैदल चलते मजदूर सरकार की नाकामियों का पोल खोल रहे हैं. मजदूरों के पास ना तो घर है और ना ही खाने के लिए भोजन. उपर से सड़क पर चलते मजदूरों पर पुलिस लाठियां बरसा रही है. अब सरकार और प्रशासन ही बताए कि वो इन मजदूरों के साथ क्या करना चाहती है.