नई दिल्ली/फरीदाबाद :स्टेट क्राइम ब्रांच में तैनात एएसआई अमर सिंह डेढ़ साल में 150 से भी ज्यादा गुमशुदा बच्चों को ढूंढ कर उनके परिवार को सौंप चुके हैं. अमर सिंह फरीदाबाद स्टेट क्राइम की मिसिंग ब्रांच में तैनात हैं. वो ऐसे बच्चों की तलाश करते हैं जो या तो मां-बाप से बिछड़ जाते हैं या नाराज होकर घर से निकल जाते हैं, या फिर जिनका अपहरण हो जाता है.
साल 2019 के जनवरी में कैलाश नगर में रहने वाले लाल सिंह की 10 साल की बेटी घर से निकल गई थी. जिसके बाद वो लापता हो गई. लाल सिंह की बेटी ना तो बोल सकती है और ना ही सुन सकती है. ढूंढने के बाद भी जब उन्हें बेटी नहीं मिली तो लाल सिंह ने एएसआई अमर सिंह से संपर्क किया. उन्होंने अमर सिंह को अपनी बेटी का फोटो दिया. अगले ही दिन अमर सिंह ने उनकी बेटी को ढूंढ निकाला. अब लाल सिंह एएसआई की तारीफ करते नहीं थक रहे.
कैसे काम करती है मिसिंग सेल?
चलिए आपको बताते हैं कि मिसिंग सेल कैसे बच्चों को ढूंढने का काम करती है. थाने में बच्चों की गुमशुगदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद सूचना मिसिंग सेल को दी जाती है. बच्चों को ढूंढने का सबसे बड़ा जरिया सोशल मीडिया होता है. सबसे पहले मिसिंग टीम ये पता लगाने की कोशिश करती है कि बच्चे का किडनैप हुआ है या किन परिस्थितियों में गायब हुआ है. इसके बाद बच्चों को ढूंढ़ने का काम शुरू किया जाता है. पुलिस उपायुक्त आईपीएस डॉक्टर अर्पित जैन ने भी मिसिंग सेल की जमकर तारीफ की.
एएसआई अमर सिंह ने बताया कि करीब ढाई साल पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर चलाने वालों से संपर्क साधना शुरू किया और अब वो हजारों पेज बनाने वालों से संपर्क में है. कुछ भेज चलाने वाले भी उनके इस काम में सहयोग के लिए आगे आए. आज नतीजा ये है कि सोशल मीडिया पर 200 के करीब ऐसे फेसबुक पेज हैं. जिनको रोजाना लाखों की संख्या में लोग फॉलो करते हैं. जिसकी मदद से गुमशुदा बच्चों को ढुंढ़ना आसान होता है.