नई दिल्ली/फरीदाबाद: फरीदाबाद प्रशासन खोरी गांव (Khori Village Faridabad) के हजारों घरों पर पीला पंजा चलाने की शायद उल्टी गिनती शुरू कर चुका है. लेकिन जैसे-जैसे समय बीत रहा है खोरी गांव के लोगों पर आशियाने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि अरावली की जमीन पर इतनी बड़ी तादाद में अवैध कब्जा (Aravalli Hill Illegal Occupation Faridabad) कैसे हो गया? जब स्थानीय लोगों से इस बारे में बात की गई तो पता चला कि प्रशासन की मिलीभगत से भू-माफियाओं ने उनके साथ धोखा किया. जिसका खामियाजा उन्हें अब भुगतना पड़ रहा है और ये सब काम शुरू हुआ एक पर्ची से.
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स्थानीय लोगों के मुताबिक फरीदाबाद में भू-माफियाओं (Land Mafia Faridabad) ने प्रवासी लोगों को अरावली की जमीन पर रहने के लिए पर्ची काटकर दी. ये पर्ची 500 रुपये से लेकर हजार रुपये तक काटी गई. पर्ची का मतलब ये था कि मकान बाने वाली जमीन पर कोई दूसरा दावा नहीं कर सकेगा. पर्ची के बाद लोगों को कब्जा दिया जाता था. इसके बाद लोगों को एक हजार रुपये गज के हिसाब से प्लॉट दिए गए.
आरोप है कि खोरी गांव के नाम से भू-माफियाओं ने नकली रेजिडेंट्स वेलफेयर सोसाइटी (Residents Welfare Society Khori Village) बनाकर उसकी प्रतियां इन लोगों को थमा दी. भू-माफियाओं ने जो सोसाइटी बनाई थी उसका पंजीकरण ही नहीं हुआ. ये सोसाइटी सिर्फ इन लोगों से पैसे वसूलने के लिए बनाई गई थी. लोगों के हाथ में ये पर्चियां इस बात का सबूत है कि किस तरह भू-माफियाओं ने अरावली की खाली जमीन पर इन प्रवासी लोगों को सस्ते दामों में मकान बनाने का मलिकाना हक दे दिया.