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पलवल: बर्खास्त पीटीआई टीचरों पर खाप की बड़ी बैठक, सरकार की मंशा पर उठाए सवाल - palwal news

पलवल के रेस्ट हाउस में खाप पंचायतों की बैठक हुई, जिसमें बर्खास्त पीटीआई टीचरों के मुद्दे पर बात की गई. बैठक में कहा गया कि सरकार चाहे तो अध्यादेश लाकर इन पीटीआई टीचरों की नौकरी बचा सकती है.

Khap Panchayat Meeting on sacked pti teacher in palwal
पलवल: बर्खास्त पीटीआई टीचरों पर खाप की बड़ी बैठक

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Published : Aug 1, 2020, 10:52 PM IST

नई दिल्ली/पलवल: जिले में बर्खास्त पीटीआई टीचरों के मसले पर 52 पालों के खाप प्रतिनिधियों की बैठक हुई है. इस बैठक में कहा गया है कि सभी पीटीआई टीचरों को सरकार वापस नौकरी पर रख सकती है. इस खाप पंचायत की अध्यक्षता अरुण जेलदार ने की.

बता दें कि पलवल के रेस्ट हाउस खाप पंचायतों की बैठक हुई थी. खाप प्रतिनिधियों ने पलवल जिले के बीजेपी विधायकों के साथ ये बैठक की थी. बैठक में खापों के प्रतिनिधियों ने विधायकों से नौकरी से निकाले गए पीटीआई अध्यापकों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से बात कर उनका हल निकालने और उन्हें नौकरी पर वापस नौकरी पर लेने की बात कही.

वीडियो रिपोर्ट

इस पर विधायकों ने खाप प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया की वे फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के सभी विधायकों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलेंगे और पीटीआई टीचरों को नौकरी पर रखने की मांग को मुख्यमंत्री के सामने मजबूती से रखेंगे. इस बैठक के दौरान पीटीआई अध्यापक भी मौजूद रहे.

उच्चतम न्यायालय द्वारा नौकरी से बर्खास्त किए गए 1983 पीटीआई अध्यापकों को निकालने के मामले में खाप प्रतिनिधियों ने बताया की उन्होंने पलवल से विधायक दीपक मंगला और हथीन के विधायक प्रवीण डागर के साथ बैठक की. दोनों विधायकों को बताया है की अगर सरकार चाहे तो इन 1983 पीटीआई अध्यापकों की नौकरी को अध्यादेश के जरिए बचा सकती है.

यही मुद्दा विधायकों के सामने 52 पाल के प्रधान अरुण जेलदार की अध्यक्ष्ता में रखा गया है. रतन सिंह सौरोत ने बताया की हम सभी पाल प्रतिनिधियों ने फैसला लिया है की हमारे लोकसभा क्षेत्र के सभी विधायक इन अध्यापकों की नौकरी को बचाने के लिए अगुवाई करेंगे और प्रदेश के सभी विधायकों को एकत्रित कर मुख्यमंत्री के सामने मांग रखेंगे की अध्यादेश लाया जाये और इन अध्यापकों को नौकरी पर रखा जाए.

अरुण जेलदार ने कहा कि विधानसभा में विधेयक लाकर इनकी नौकरी को बचाया जा सकता है. इससे पहले ओडिशा में भी ऐसा हो चुका है और आज यही मांग पलवल जिले के विधायकों के सामने रखी गई है और कहा गया है कि विधेयक लाकर इन 1983 पीटीआई अध्यापकों की नौकरी को बचाया जाए.

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