नई दिल्ली/पलवल: निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने आज पलवल अनाज मंडी का औचक दौरा किया और मंडी बाजरा, धान और कपास की फसल खरीद के बारे में किसानों से चर्चा की. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मंडियों में खरीफ की फसलों की सरकारी खरीद नहीं हो रही है. जिसके चलते किसान फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी कम दामों पर बेचने के लिए मजबूर हैं, जबकि प्रदेश सरकार समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद करने का ढिंढोरा पीट रही है. इतना ही नहीं बलराज कुंडु ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि सरकार के नेताओं को अपने गांवों में मत घुसने दो.
'तीनों कृषि कानून किसानों के लिए काला कानून हैं'
पलवल की अनाज मंडी में पहुंचे महम के विधायक बलराज कुंडु ने किसानों से फसलों के रेटों के बारे में जायजा लिया तो किसानों ने बताया कि सरकार कपास का रेट 5,700 बताती है, लेकिन यहां तो 3800 से 5000 रुपये में प्राइवेट एजेंसी फसल खरीद रही है और बासमती 1509 किस्म का धान जो पिछले वर्ष 2850 रुपये बिका था. वो अब 1500 से 1900 रुपये में बिक रहा है. सरकारी रेट में बिकने वाला परमल धान की कोई सरकारी खरीद नहीं हो रही. जिसे प्राइवेट एजेंसी मनमर्जी रेटों में खरीद रही है. निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि कानून तीन काले कानून किसानों पर थोप दिए है.
प्रदेश की गठबंधन सरकार कृषि अध्यादेशों को लेकर प्रचार कर रही है कि किसानों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएगी. लेकिन प्रदेश की मंडियों में किसानों को फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है. पलवल की मंडियों में खरीफ की फसलों की खरीद नहीं हो रही है. किसानों को अपनी फसल सस्ते दामों पर बेचनी पड़ रही है. भाजपा के राज में प्रदेश का किसान दुखी और परेशान है.