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फरीदाबाद के होटल से फरार हुआ यूपी का मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर विकास दुबे

ईटीवी भारत की टीम उस होटल में पहुंची, जहां गैंगस्टर विकास दुबे के रुके होने की बात सामने आई थी. ग्राउंड जीरो पर जाकर ईटीवी भारत ने देखा कि अगर विकास दुबे उस होटल में रुका था तो वो वहां से कैसे फरार हुआ?

how gangster vikas dubey escape from faridabad oyo hotel
फरार मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर विकास दुबे

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Published : Jul 8, 2020, 12:32 PM IST

Updated : Jul 8, 2020, 1:47 PM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: यूपी के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे की तलाश की जा रही है. बताया जा रहा है कि विकास दुबे पुलिस से छुपते हुए फरीदाबाद पहुंचा था, जहां वो करीब 2 से 3 दिन ओयो होटल में रुका. पुलिस सूत्रों के मुताबिक बड़खल चौक स्थित एक ओयो होटल में विकास दुबे रुका था और पुलिस के आने से सिर्फ 3 घंटे पहले ही फरार हो गया.

फरार मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर विकास दुबे

ईटीवी भारत की टीम उस होटल में पहुंची, जहां विकास दुबे के रुके होने की बात कही जा रही है. ग्राउंड जीरो पर जाकर ईटीवी भारत ने देखा कि अगर विकास दुबे उस होटल में रुका था तो वो वहां से कैसे फरार हुआ?

बताया जा रहा है कि विकास दुबे होटल के दूसरे फ्लोर पर रुका था. अपने कमरे से बाहर निकलते ही विकास दुबे सीढ़ियों से नीचे आया. सीढ़ियों से होते हुए विकास दुबे होटल के फ्रंट गेट पर आ गया.

ये होटल नेशनल हाईवे-19 पर स्थित है. ये हाईवे दिल्ली-आगरा और गुरुग्राम की ओर जाता है. माना जा रहा है कि विकास दुबे गुरुग्राम की ओर फरार हुआ है. विकास दुबे के पास खुद की कोई गाड़ी नहीं थी, ऐसे में जाहिर तौर पर गुरुग्राम जाने के लिए उसने होटल के सामने वाली रोड को क्रॉस किया होगा और दूसरी तरफ जाकर गुरुग्राम के लिए कोई रिक्शा, ऑटो या फिर कोई गाड़ी की होगी.

विकास दुबे जब इस होटल से फरार हुआ तो वो अपने भांजे प्रशांत मिश्रा को यहीं छोड़ गया. पुलिस जब होटल में पहुंची तो जालकर बिछाकर प्रशांत मिश्रा को गिरफ्तार किया गया. प्रशांत मिश्रा के अलावा पुलिस ने अंकुर नाम के युवक और उसके पिता श्रवण को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस तीनों से पूछताछ कर रही है. इसके अलावा पुलिस ने तीनों के पास से हथियार भी बरामद किया है.

विकास दुबे ने की 8 पुलिसकर्मियों की हत्या

गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके साथियों ने जमकर फायरिंग की थी. इस हमले में डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जिसके बाद पूरे प्रदेश भर में हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि विकास दुबे को पुलिस की दबिश की पहले से जानकारी थी.

जब पुलिस वहां पहुंची तो विकास दुबे और उसको साथी पूरी तरीके से तैयार थे और उन्हें अपने साथियों को बुलाने का मौका मिल गया. उन्होंने एक नहीं बल्कि आसपास के तीन चार मकानों की छतों से चढ़कर घेराबंदी की थी.

जैसे ही पुलिस पार्टी वहां पहुंची, उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग करना शुरू कर दिया, जिससे पुलिस के पास संभलने तक का वक्त नहीं मिला. एक लाख का इनामी विकास दुबे और उसके गुर्गे ने पेशेवर शूटरों की तरीके से ऊंचाई का भरपूर लाभ उठाते हुए पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया.

Last Updated : Jul 8, 2020, 1:47 PM IST

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