नई दिल्ली/फरीदाबाद:भारत और चीन सीमा पर शहीद हुए सैनिकों के बाद भारत में चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मांग जोरों से उठ रही है. ऐसे समय में क्या सच में चीन के सामान का बहिष्कार भारत कर सकता है? इस पर ईटीवी भारत ने फरीदाबाद डीएलएफ इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रधान एलपी मल्होत्रा से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि अगर भारत का चीन का पूरी तरह से बहिष्कार करता है तो क्या-क्या कठिनाईयां हो सकती हैं? साथ ही ये भी बताया कि क्या सच में इस समय चीनी सामान का बहिष्कार किया जा सकता है?
औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में 31,000 छोटी और बड़ी कंपनियां हैं, जो अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रही हैं. जब पूरे देश में चीन के सामान के बहिष्कार की मांग उठ रही है तो ऐसे में फरीदाबाद इंडस्ट्री चीनी सामान के बहिष्कार में नहीं दिख रही है. इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं. इंडस्ट्री संचालकों का मानना है कि चीन से आने वाले कच्चे माल पर फरीदाबाद की इंडस्ट्री निर्भर करती है. वो चीन का बहिष्कार करके नुकसान नहीं उठा सकते.
चीन पर निर्भर फरीदाबाद उद्योग इंडस्ट्री
मल्होत्रा ने बताया कि पिछले 20 सालों से हम चीन पर निर्भर इंडस्ट्री चला रहे हैं. हर क्षेत्र में चाहे वो टेक्नोलॉजी हो या ट्रेडिंग सब जगह चीन का कब्जा है. फरीदाबाद में लगभग 20%, ट्रेडिंग होल्डर और उद्योग चीन से आने वाले कच्चे माल पर निर्भर हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में फरीदाबाद इंडस्ट्रीज के लिए चीनी उत्पाद का बहिष्कार करना संभव नहीं है. अगर वो इनका बहिष्कार करते हैं तो उनके पास कोई विकल्प नहीं है. चीन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से देश के हर उद्योग में घुसा हुआ है. मूर्ति से लेकर हर सामान हम चीन से खरीद रहे हैं.
सस्ते ब्याज पर पैसे देता है चीन