नई दिल्ली/पलवल: कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीने से भी अधिक दिनों से देश के अलग-अलग जगहों से किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं. कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन नतीजा सिफर रहा है. कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को पलवल में किसान धरने पर बैठने के लिए एकजुट हुए हैं.
पलवल में भारी संख्या में किसान धरने पर बैठने के लिए पहुंच चुके हैं. किसानों ने सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए कमर कस ली है. किसानों ने प्रशासन को चेताया है कि जो 26 जनवरी को किसानों के साथ पुलिस ने घटना की, उसमें किसानों के खिलाफ जो भी मामले दर्ज किए गए. उसके 15 दिन के अंदर कैंसिल किया जाए.
किसानों ने सरकार को दिया 15 दिन में केस खत्म करने का अल्टीमेटम
किसानों ने कहा कि अगर पुलिस प्रशासन 15 दिन के अंदर मामले कैंसिल नहीं किए, तो इस बारे में अलग से रणनीति बनाई जाएगी. इस दौरान भारी संख्या में पुलिस भी मौजूद रही. मीटिंग के दौरान किसानों ने कहा कि सरकार जब तक तीन काले कानूनों को वापस नहीं लेती. तब तक वो धरने पर बैठे रहेंगे. क्योंकि अब हर गांव से किसान सरकार के खिलाफ निकल चुका है. यहां किसानों का समर्थन करने के लिए पलवल जिला बार एसोसिएशन के सैकड़ों वकील मौके पर पहुंचे और किसानों को अपना समर्थन दिया.