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फरीदाबाद से गुरुग्राम मेट्रो के लिए करना होगा इंतजार, DPR में किया जाएगा बदलाव

फरीदाबाद से गुरुग्राम तक मेट्रो से सफर करने के लिए अभी और इंतजार करना होगा. क्योंकि एनआईटी क्षेत्र से कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा और अन्य संगठनों के विरोध के कारण सरकार ने अब इसके फाइनल रूट में बदलाव करने का निर्णय लिया है.

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फरीदाबाद न्यूज

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Published : Aug 1, 2020, 9:37 AM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: शहर वासियों को फरीदाबाद से गुरुग्राम तक मेट्रो से सफर करने के लिए अभी और इंतजार करना होगा. क्योंकि एनआईटी क्षेत्र से कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा और अन्य संगठनों के विरोध के कारण सरकार ने अब इसके फाइनल रूट में बदलाव करने का निर्णय लिया है. अब सरकार ने फाइनल रूट का दोबारा सर्वे कर 10 अगस्त तक रिपोर्ट देने को कहा है. ऐसे में अब ये प्रोजेक्ट और लेट हो जाएगा.

फरीदाबाद से गुरुग्राम मेट्रो के लिए करना होगा इंतजार

क्यों होगा दोबारा सर्वे ?

अभी हाल ही में डीएमआरसी ने डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) फाइनल कर दी थी. इसकी जानकारी मिलते ही एनआईटी से कांग्रेसी विधायक नीरज सर्मा ने विरोध करना शुरू कर दिया. उनका तर्क है कि एनआईटी विधानसभा क्षेत्र में एक बड़ी आबादी रहती है. ऐसे में मेट्रो रूट को प्याली चौक से ले जाया जाए. ताकि बल्लभगढ़, बड़खल समेत एनआईटी क्षेत्र के लोगों को भी इसका लाभ मिल सके. विधायक ने विधानसभा में भी इसका विरोध किया और सरकार से रूट में बदलाव कर प्याली चौक रूट को जोड़ने की मांग की.

इस विरोध के साथ ही एनआईटी क्षेत्र के कई सामाजिक व व्यापारी संगठनों ने भी विरोध करना शुरू कर दिया. विधायक ने इस मामले को परिवहन एवं खनन मंत्री मूलचंद सर्मा के सामने भी रखा. साथ ही प्याली चौक पर मेट्रो स्टेशन बनाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की. जिसके बाद सरकार ने दोबारा से सर्वे का आदेश जारी किया है. 10 अगस्त तक इसकी रिपोर्ट भी मांगी है.

एनआईटी विधायक नीरज सर्मा ने अपनी मांग रखी है कि जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए प्याली चौक से मेट्रो रूट बनाया जाना उचित है. हमने विधायक की मांग से मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया है और रूट बदलने की सिफारिस भी की है. ताकि जिले की जनता को इसका लाभ मिल सके. अंतिम फैसला मुख्यमंत्री को करना है.

ये है पूरा प्रोजेक्ट

फरीदाबाद-गुरुग्राम मेट्रो प्रोजेक्ट की घोषणा साल 2014 हुई थी. चार साल बाद 2018 में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट को मंजूरी दी थी. दो साल बाद 2020 में फाइनल डीपीआर बनकर तैयार हो गई. रूट में बदलाव की मांग के बाद दोबार सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी. ऐसे में मार्च 2021 तक मेट्रो रेल सेवा शुरू नहीं हो पाएगी.

  • फरीदाबाद- गुरुग्राम मेट्रो रेल प्रोजेक्ट पर केंद्र एवं राज्य सरकार करीब 5900 करोड़ रुपये खर्च करेंगी.
  • दिसंबर 2018 में दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने टेक्नो फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कर इसकी मंजूरी दी थी.
  • ये मेट्रो रेल सेवा फरीदाबादके बाटा चौक से सेक्टर-45 गुरुग्राम से जुड़ेगी.
  • मार्च 2021 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था.
  • डीपीआर फाइनल होने में देरी और फिर अब विरोध होने के कारण प्रोजेक्ट पूरा होने में विलंब होगा.
  • रेलवे ट्रैक की कुल दूरी 30.38 किलोमीटर होगी.
  • पूरा रूट एलीबेटेड होगा.
  • इस मेट्रो प्रोजेक्ट में स्पीड लिमिट 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की होगी लेकिन 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाई जा सकती है.
  • मेट्रो कॉरपोरेशन के मुताबिक शेड्यूल लिमिट 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रखी गई है.

स्टेशन के नाम

फरीदाबाद के बाटा चौक से गुरुग्राम के सेक्टर 45 तक कुल 6 स्टेशन बनाए जाएंगे.

  1. बड़खल एंकलेव
  2. पाली स्टोन क्रेशर जोन
  3. भाटी माइंस
  4. मांडी
  5. सुशांत लोक सेक्टर 54 गुरुग्राम
  6. सेक्टर 45 गुरुग्राम

3 साल रखी गई प्रॉजेक्ट की डेडलाइन

केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने दिसंबर 2018 में घोषणा की थी कि इस प्रोजेक्ट की डेडलाइन 31 मार्च, 2021 है. एक अप्रैल, 2021 रेवेन्यू ओपनिंग डेट होगी. एक रिपोर्ट के मुताबिक पहाड़ी वाले रूट से प्रतिदिन करीब 1.50 लाख लोग गुजरते हैं. 2021 तक ये संख्या 1.72 लाख हो सकती है. ऐसे में इस रूट से मेट्रो को फायदा होगा.

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