नई दिल्ली/फरीदाबादः34वें सूरजकुंड मेले में आने वाले लोगों को फूड कॉर्नर पर मिल रहा गोहाना का जलेब खूब पसंद आ रहा है. विदेशी टूरिस्ट भी गोहाना की फेमस जलेब का स्वाद चखते नजर आ रहे हैं. इसे जलेबी का बड़ा रूप कह सकते हैं. ये जलेब अकेले 250 ग्राम का है. इसे शुद्ध देसी घी और मावे से तैयार किया जाता है. अब ये जलेब हरियाणा की पहचान बन चुका है.
सूरजकुंड मेले में गोहाना का जलेब लोगों को बेहद पसंद आ रहा है. देसी ही नहीं बल्कि विदेशी मेहमान भी इसका स्वाद चखते नजर आ रहे हैं.
सूरजकुंड मेले में गोहाना के जलेब का जलवा टूरिस्टों को खूब भा रहा है ये जलेब
खासतौर पर जयपुर दिल्ली, यूपी और एमपी से लोग आते हैं. जो टेस्ट उन्हें सूरजकुंड में मिलता है, वो कहीं नहीं मिलता है. इसकी टैगलाइन भी ये है कि सूरकूंड मेले में आएं और गोहाना का जलेब नहीं खाया तो क्या खाया. इसके अलावा विदेशी टूरिस्ट खास तौर पर अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान, नेपाल, कजाकिस्तान, न्यूजीलैंड और सीरिया से आए टूरिस्टों को भी ये जलेब खूब भा रहा है.
250 ग्राम का एक जलेब
सूरजकुंड मेले के फूड कोर्ट में गोहाना के संजय लेकर आए हैं ये खास जलेब. संजय ने बताया कि ये जलेब शुद्ध देसी घी और मावे से तैयार किया जाता है. उन्होंने कहा कि ये कोई सामान्य जलेब नहीं है, बल्कि अन्य जलेबियों से अलग और खास गुणों से भरपूर है. उन्होंने बताया कि इस जलेब का वजन 250 ग्राम होता है और इसका आकार आम जलेबी से तो तीन-चार गुना बड़ा होता है.
90 रुपये का एक जलेबा
संजय ने बताया कि एक जलेब की कीमत 90 रुपये है. इसके अलावा 50 रुपये का एक कड़ाही दूध, एक जलेब को खा लेने के लिए लगता है. उन्होंने बताया कि दूध के साथ इस एक जलेब को खाने के बाद एक टाइम का खाना पूरा हो जाता है.
ऐसे में ये एक पूरी थाली का ही काम करता है. उन्होंने बताया कि मेले में जो पहली बार या दोबारा आया हो वो इस जलेब का टेस्ट जरूर लेता है. इतना ही नहीं हरियाणा, पंजाब के आस-पास के राज्यों में जहां भी विशेष मेले लगते हैं तो इन जलेब का स्वाद लोगों को अपनी ओर खींच लाता है.
वीआईपी लोगों की भी पहली पसंद
सूरजकुंड मेले में लगे जलेब के स्टॉल के सिर्फ देसी ही नहीं विदेशी टूरिस्ट भी काफी बड़े फैन हैं. वे इसे खाने के साथ ही पैक कराकर घर भी ले जा रहे हैं. इसकी इतनी डिमांड है कि मेले में आने वाले वीआईपी के लिए भी गोहाना की ये स्पेशल डिश परोसी जा रही है.