नई दिल्ली/ फरीदाबाद : शहर में लगातार भ्रष्टाचारी पकड़े जा रहे हैं. कभी नगर निगम तो कभी पुलिसकर्मी रिश्वत लेते पकड़े जा रहे हैं. ताजा मामला बिजली बोर्ड से सामने आया है. जहां पल्ला सब डिवीजन में तैनात एक क्लर्क ने बिल ठीक करने के बदले एक व्यक्ति से तीस हजार रुपये की रिश्वत मांगी. सौदा 18,000 रुपये में तय हो गया.
पीड़ित ने इसकी शिकायत विजिलेंस से कर दी. विजिलेंस ने रणनीति बनाकर रिश्वतखोर क्लर्क को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है. विजिलेंस विभाग के इंस्पेक्टर रामनाथ ने बताया कि सेक्टर-91 निवासी अमित कुमार क दो महीने का बिल 54 हजार रुपये आ गया था.
उन्होंने बिल ठीक कराने के लिए पल्ला सब डिवीजन में संपर्क किया. कई दिनों तक वहां काम करने वाले क्लर्क उन्हें टरकाते रहे. आखिर में नंगला ब्राह्मण गांव निवासी मनोज कौशिक ने अमित से बिल ठीक करने के बदले तीस हजार रुपए रिश्वत मांगी.
अमित ने उनसे कहा कि आपका बिल 14-15 हजार का बना दूंगा. अमित ने 18,000 रुपये देने की बात कही, सौदा तय हो गया. इसके बाद अमित ने इसकी शिकायत विजिलेंस विभाग से की. विभाग ने योजना बनाकर 18,000 रुपये देकर और उन नोटों का नंबर नोट कर अमित को पैसे देकर क्लर्क के पास भेजा.
अमित ने पल्ला सब डिवीजन पहुंचकर जैसे ही क्लर्क मनोज को पैसे दिए. इशारा मिलते ही विजिलेंस टीम ने घेराबंदी कर मनोज को रंगे हाथ पकड़ लिया. उसके खिलाफ केस दर्ज कर, गिरफ्तार कर लिया है.