नई दिल्ली/पलवल: अपनी कई मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में आशा वर्कर्स का विरोध प्रदर्शन जारी है. पलवल में आशा वर्कर यूनियन के आह्वान पर सभी आशा वर्कर्स ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इससे पहले आशा वर्कर्स की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता जिला प्रधान गीता देवी ने की और संचालन राजन ने किया.
आशा वर्कर्स ने बताया कि हरियाणा सरकार ने लंबे आंदोलन के बाद 2018 में समझौता किया था जो अभी तक लागू नहीं किया है. 26 अगस्त 2020 वर्कर्स ने विधानसभा का घेराव किया था, जिसमें मुख्यमंत्री के ओएसडी कृष्ण बेदी ने 10 दिन में से बातचीत का पत्र देते हुए कहा था कि आपकी समस्याओं का हल 10 दिन में कर दिया जाएगा. लेकिन 4 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार ने आशा वर्करों से बात भी नहीं की है.
सरकार ने आशा वर्कर्स की किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया. शुक्रवार को आशा वर्कर्स ने विधायक प्रवीण डागर के सामने आपनी मांगे रखी. उन्होंने 45 वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू करते हुए आशा वर्कर को नियमित किया जाए, न्यूनतम वेतन 24 हजार रुपये किया जाए और सभी सामाजिक सुरक्षा के लाभ भी उनको दिया जाए. एनएचएम के वर्क को स्थाई बनाया जाए. सबके लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य मुहैया कराई जाए.
इसके अलावा गंभीर रूप से बीमार या दुर्घटनाओं के शिकार आशा वर्कर को सरकार के पैनल के अस्पताल में इलाज की सुविधा दी जाए. आशाओं को ग्राम स्तरीय कर्मचारी बनाया जाए. जब तक नियमित कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतन दिया जाए. इसे महंगाई भत्ते के साथ जोड़ा जाए इसके साथ की भी सुविधा दी जाए. आशा वर्कर को हेल्थ वर्कर का दर्जा दिया जाए लागू किया जाए.