नई दिल्ली/पलवल:जिले के गांव अल्लीका के किसान रामकिशन ने एक एकड़ भूमि में काला गेहूं का उत्पादन किया है. किसान रामकिशन ने बताया कि काला गेहूं की खेती करने से उपज के साथ-साथ किसानों की आय में भी इजाफा होगा.
कृषि विशेषज्ञ महेंद्र सिहं देशवाल ने बताया कि रसायनिक खादों के अधाधुंध प्रयोग करने से भूमि का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा है. जिसकी वजह से फसलों का उत्पादन भी कम हो रहा है. उन्होंने बताया कि जिले के किसानों को काला गेहूं के उत्पादन के लिए लगातार जागरूक कर रहे है. काला गेहूं में न्यूट्रेशिन की मात्रा भरपूर है. इसलिए किसानों को सामान्य गेहूं के मुकाबले काला गेहूं का उत्पादन करना चाहिए.
काला गेहूं की बाजार में है अधिक मांग
उन्होंने बताया कि सामान्य गेहूं की तरह ही काला गेहूं की बिजाई की जाती है. इसमें कोई अलग से लागत नहीं लगती है. कम लागत में किसान अधिक फसल का उत्पादन ले सकता है. काला गेहूं हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. इसलिए जिले के किसानों को परंपरागत खेती को छोड़ कर काला गेहूं की खेती करनी चाहिए. काला गेहूं की बाजार में भी अधिक मांग है. बाजार में इसकी कीमत चार हजार से 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल का रेट किसानों को मिल सकता है. उन्होंने बताया कि यह काला गेहूं डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है.
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