नई दिल्ली/पलवल:नौकरी बहाली की मांग को लेकर पिछले तीन महीनों से क्रमिक अनशन पर बैठे पीटीआई अध्यापकों का मामला राजनीतिक गलियारे में गूंजना शुरू हो चुका है. एक तरफ जहां अनशनकारी प्रदेश सरकार पर उनकी मांगों को लेकर कोई विचार नहीं करने की बात कह रहे हैं. वहीं राजनैतिक दल भी अध्यापकों का साथ देते हुए सरकार को भंग करने की मांग कर रहे हैं.
पलवल में प्रदर्शन कर रहे पीटीआई अध्यापकों को आम आदमी पार्टी ने दिया समर्थन बुधवार को पलवल में क्रमिक अनशन कर रहे पीटीआई अध्यापकों को आम आदमी पार्टी का समर्थन मिला. आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष कुलदीप कौशिक पीटीआई अध्यापकों का समर्थन करते हुए सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि वे आज तक ऐसी तानाशाह सरकार नहीं देखें. जो पीटीआई अध्यापकों का रोजगार खाकर भी शांत बैठी है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने 1983 पीटीआई अध्यापकों को बाहर का रास्ता दिखाकर उनके व उनके परिवार के मुंह का निवाला छीन लिया है. नौकरी बहाली की मांग को लेकर पीटीआई अध्यापक और उनके परिवार वाले आज सड़कों पर आ गए है. अध्यापक देश का भविष्य है. वो भी एक अध्यापक है और जब अध्यापक ही धरने पर होंगे और उनके परिवार वाले सड़कों पर होंगे. तो कौन समाज को दशा और दिशा दिखाएगा और कैसे देश चलेगा.
वहीं पीटीआई संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष रामपाल अत्री ने कहा कि शारीरिक शिक्षक पिछले कई महीनों से लगातार नौकरी बहाली के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी सरकार चुप्पी साधकर मामले को लटकाए रखना चाहती है. जो कि उचित नहीं है.