नई दिल्ली:कोरोना संक्रमण जिस तरीके से राजधानी में फैल रहा है, उसका डर लोगों में भी बढ़ता जा रहा है. यह डर इतना ज्यादा है कि लोग अस्पताल जाने से बच रहे हैं. इसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग पुलिस से शिकायत करने से भी बच रहे हैं. उन्हें पता है कि शिकायत करने पर अस्पताल में उनका मेडिकल कराया जाएगा. इसलिए शिकायत करने की जगह लोग समझौता कर रहे हैं.
कोरोना का खौफ, अस्पताल जाने के डर से लोग नहीं कर रहे पुलिस से शिकायत
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए, लोग अब अस्पताल जाने से डरने लगे हैं. साथ ही साथ सेवानिवृत एसीपी वेदभूषण ने बताया कि झगड़ा होने, चोट लगने, दुष्कर्म जैसा घटनाओं के बाद भी लोग पुलिस से शिकायत करने में डरने लगे हैं, क्योंकि इन शिकायतों के बाद शिकायतकर्ता का मेडिकल किया जाता है.
उन्हें लगता है कि अगर वह अस्पताल जाएंगे तो वहां कोरोना से संक्रमित होने का खतरा है. इसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग झगड़ा होने एवं चोट लगने पर भी पुलिस से शिकायत नहीं कर रहे हैं. सेवानिवृत्त एसीपी वेदभूषण की माने तो दुष्कर्म एवं छेड़छाड़ के मामले में भी कई महिलाएं शिकायत करने से बच रही हैं क्योंकि उन्हें मेडिकल के लिए अस्पताल जाना पड़ेगा.
अस्पताल में एमएलसी कराना होता है अनिवार्य
सेवानिवृत एसीपी वेदभूषण ने बताया कि झगड़ा होने, चोट लगने, दुष्कर्म की घटना आदि में पुलिस अस्पताल में पीड़ित एवं शिकायतकर्ता का मेडिकल कराती है. इस मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर ही एफआईआर दर्ज होती है.
अदालत वे समक्ष यह एक मुख्य साक्ष्य होता है जो बताता है कि पीड़ित या शिकायतकर्ता को किस तरह की चोट थी. इसके अलावा दुष्कर्म के मामले में महिला के साथ हुई घटना की यह पुष्टि करता है. इस रिपोर्ट को अदालत के समक्ष जमा करवाना अनिवार्य होता है.
वैकल्पिक व्यवस्था पर देना होगा ध्यान
सेवानिवृत्त एसीपी वेदभूषण ने बताया कि अभी के समय में इस तरह के संकट से निपटने के लिए पुलिस एवं सरकार को वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार करना होगा. लोग अगर इस तरह डर से शिकायत नहीं करेंगे तो इससे आरोपियों के हौसले बढ़ेंगे जो काफी खतरनाक होगा.