नई दिल्ली: दिल्ली में एक बार फिर से नाम पर राजनीति शुरू हो गई है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने महात्मा गांधी के नाम वाली सड़क का नाम बदल कर उसे भाजपा कार्यकर्ता के पिता का नाम दे दिया है. कांग्रेस पार्टी ने इस पर सख्त ऐतराज जताया है.
'गांधी मार्ग' का नाम बदला गया नरेला के वार्ड नंबर 1 में एक सड़क है, जिसे दशकों से गांधी आश्रम मार्ग के नाम से जाना जाता है. लेकिन बीते दिनों उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने उसका नाम बदलकर भाजपा कार्यकर्ता के पिता लाला जगन्नाथ बंसल के नाम पर कर दिया. स्थानीय लोग इसके विरोध में सड़कों पर उतरे और उनमें से कुछ लोग इसे लेकर कांग्रेस पार्टी तक पहुंचे कि कांग्रेस पार्टी इसे मुद्दा बनाए.
दोबारा गांधी के नाम पर रखने की मांग
इस सड़क को दोबारा गांधी के नाम पर कराने की मांग स्थानीय स्तर पर कितने पुरजोर तरीके से उठ रही है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि इसे लेकर एक समिति का भी गठन हो चुका है, जिसे नाम दिया गया है गांधी आश्रम मार्ग बचाओ आंदोलन समिति. इसके संयोजक सुरेंद्र मेहरौलिया ने आज कई स्थानीय लोगों के साथ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया से मुलाकात की और इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की.
इस मुद्दे पर बयान जारी करते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने कहा है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा वार्ड नंबर 1 नरेला में जिस गांधी आश्रम मार्ग का नाम बदलकर भाजपा समर्थक के पिता के नाम पर किया गया है, उसका कांग्रेस पार्टी पुरजोर विरोध करती है. उन्होंने कहा कि इस मार्ग का उद्घाटन भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर ने ही किया था और यह दिखाता है कि इसमें आरएसएस का कितना बड़ा एजेंडा छिपा है.
13 सिंतबर को होगा बड़ा प्रदर्शन
गांधी आश्रम मार्ग बचाओ समिति की तरफ से इस मुद्दे पर 13 सितंबर को एक बड़ा प्रदर्शन रखा गया है. राजेश लिलोठिया ने इस प्रदर्शन का समर्थन किया और कहा कि अगर एनडीएमसी इस सड़क का नाम दुबारा गांधी के नाम पर नहीं करती है, तो कांग्रेस कार्यकर्ता भी इस प्रदर्शन में शामिल होंगे और कांग्रेस पार्टी का इसे पूरा समर्थन रहेगा.
गौरतलब है कि बीते संसद सत्र के दौरान ही दिल्ली प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष विजय गोयल ने मांग की थी कि दिल्ली का नाम बदला जाना चाहिए. इस मुद्दे पर सियासी चर्चा चल ही रही थी कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने गांधी के नाम वाले रोड का नाम बदलकर इसे आम भाजपा कार्यकर्ता के पिता का नाम दे दिया. गौर करने वाली बात यह भी है कि देश अभी गांधी की डेढ़ सौवीं जयंती की तैयारियां कर रहा है.