दिल्ली में क्राइम डेटा की एनालिसिस करके हॉट-स्पॉट की हुई शिनाख्त, अब अपराधियों की खैर नहीं! - दिल्ली में वारदात और कार्रवाई का आंकड़ा
दिल्ली में वर्ष 2021 में लूट की घटनाओं में 16 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली है. सड़क पर होने वाली लूट की घटनाएं पुलिस के लिए बड़ी चिंता का कारण हैं. इसलिए पुलिस ने ऐसे इलाकों को चिन्हित किया है, जहां लूट की ज्यादा वारदातें होती हैं.
नई दिल्ली :दिल्ली में वर्ष 2021 में लूट की घटनाओं में 16 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली है. सड़क पर होने वाली लूट की घटनाएं पुलिस के लिए बड़ी चिंता का कारण हैं. इसलिए पुलिस ने ऐसे इलाकों को चिन्हित किया है, जहां लूट की ज्यादा वारदातें होती हैं. पुलिस ने ऐसे 11 थाने चिन्हित किए हैं, जहां वर्ष 2021 में लूट की 29 से ज्यादा वारदातें हुई हैं. 18 थाने ऐसे पाए गए हैं, जहां 20 से 29 लूट की घटनाएं 2021 में हुईं. इस स्टडी को लेकर पुलिस अब लूट को रोकने के बंदोबस्त कर रही है.
वर्ष 2021 में पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद लूट की घटनाएं 16 फीसदी बढ़ीं. वर्ष 2021 में जहां लूट की 1842 घटनाएं हुई थीं, तो वर्ष 2021 में लूट के 2137 मामले दर्ज हुए. इनमें से 92 फीसदी वारदातों को पुलिस ने सुलझाया है. 1969 लूट के मामलों में पुलिस ने बीते वर्ष 3917 बदमाशों को गिरफ्तार किया है, लेकिन लूट के मामलों में आई उछाल ने पुलिस की नींद उड़ा दी है. यह एक स्ट्रीट क्राइम है, जिसका बढ़ना सड़क पर पुलिस की मौजूदगी को लेकर सवाल खड़े करता है. पुलिस के लिए बड़ी चिंता का विषय इन वारदातों में फर्स्ट टाइमर्स का शामिल होना है. वर्ष 2021 में लूट के मामलों में गिरफ्तार होने वाले 82 फीसदी आरोपी पहली बार वारदात करते पाए गए. उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं मिला. जिसकी वजह से उन्हें पकड़ना मुश्किल था.
दिल्ली में क्राइम डेटा की एनालिसिस करके हॉट-स्पॉट की हुई शिनाख्त, अब अपराधियों की खैर नहीं!
पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि लूट के मामलों को लेकर की गई स्टडी में पुलिस ने कई थाने चिन्हित किए हैं, जहां ज्यादा वारदात होती हैं. इसका मकसद उन क्षेत्रों में लूट के पैटर्न को समझना और उसके पीछे शामिल रहे बदमाशों को चिन्हित करना है. ऐसा देखने में आता है कि लूट की वारदात में ज्यादा दूर के नहीं, बल्कि आसपास के बदमाश ही शामिल होते हैं. इसलिए पुलिस को सक्रिय बदमाशों पर नजर रखने की जरूरत है. पुलिस थानों में मौजूद डोजियर की मदद से भी लुटेरों पर सर्विलांस रखती है. उन्होंने बताया कि लूट एक बेहद ही गंभीर मामला होता है. सड़क पर किसी महिला से हुई लूट या किसी कारोबारी के साथ होने वाली लूट पुलिस पर सवाल खड़े करती है. इससे पुलिस की छवि खराब होती है और लोगों में अविश्वास बढ़ता है. जनता को लगता है कि पुलिस फेल है.
दिल्ली में क्राइम डेटा की एनालिसिस करके हॉट-स्पॉट की हुई शिनाख्त, अब अपराधियों की खैर नहीं!
29 से ज्यादा लूट वाले दिल्ली के थाने
नंद नगरी
सीमा पुरी
शास्त्री पार्क
पांडव नगर
नरेला
समयपुर बादली
नांगलोई
पटेल नगर
महेंद्रा पार्क
आदर्श नगर
पटपड़गंज
वारदात और कार्रवाई का आंकड़ा
वर्ष 2020 में लूट 1842
वर्ष 2021 में लूट 2137
वर्ष 2021 में गिरफ्तार लुटेरे 3917
वर्ष 2021 में फर्स्ट टाइमर लुटेरे गिरफ्तार- 82 फीसदी
वर्ष 2021 में लूट के मामले सुलझे- 92 फीसदी
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वेदभूषण ने बताया कि पुलिस को इस तरह की स्टडी से यह पता चलेगा कि क्यों ऐसी वारदातें हो रही हैं. वह कौन-कौन से हॉट-स्पॉट हैं, जहां ज्यादा लूट हो रही हैं. किस समय लूट का खतरा ज्यादा रहता है. इसके आधार पर पुलिस बंदोबस्त करती है. उन इलाकों में सादी वर्दी में पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाता है, वहां पेट्रोलिंग बढ़ाई जाती है. अगर वहां अंधेरा रहता है तो लाइट का बंदोबस्त किया जाता है. सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाते हैं. इस स्टडी का मकसद उस क्षेत्र को चिन्हित करके वहां लूट की वारदातों को रोकना होता है. इसका फायदा भी होता है और पुलिस ऐसे हॉट स्पॉट को कई बार सामान्य जगह बनाने में कामयाब भी रही है.
पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि कोविड के चलते लंबे समय तक लोग घरों में थे. इस वजह से दिल्ली में लूट की घटनाएं बेहद कम हो गई थीं, लेकिन अब परिस्थिति सामान्य हो रही है. दिल्ली में सभी गतिविधियों को शुरू किया जा चुका है. फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन शुरू हो चुका है. इस वजह से लूटपाट करने वाले बदमाश भी सक्रिय हो गए हैं. पुलिस पहले लूटपाट कर चुके बदमाशों पर तो नजर रखती है, लेकिन नए अपराधी उनके लिए बड़ी चुनौती हैं. ऐसे युवाओं को अपराध से दूर रखना पुलिस के लिए बहुत जरूरी है. उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस अपराध को लेकर फ्री रजिस्ट्रेशन करती है. सबकी शिकायत को दर्ज किया जाता है. लूट की तादाद बढ़ने का यह भी एक कारण है.