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किसान आंदोलन: दिल्ली-एनसीआर में सड़कों पर उतरें किसान, बोर्डर सील - Security forces deployed at Badarpur border due to farmers protesting

कृषि कानून के विरोध में भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक संगठन से जुड़े किसानों ने सड़क पर बैठकर चक्का जाम कर दिया है. उनका कहना है कि आलाकमान के आदेश पर दिल्ली कूच किया जाएगा.

Farmers protesting against agricultural bill at Delhi borders
सड़कों पर उतरे किसान

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Published : Nov 27, 2020, 5:03 PM IST

नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली- एनसीआर में किसानों के दिल्ली कूच के चलते नोएडा और ग्रेटर नोएडा पुलिस अलर्ट पर है. ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर तीन थानों की पुलिसबल को तैनात किया गया है.

किसान दिल्ली कूच की तैयारी में

बता दें कि उत्तरप्रदेश किसान संगठन के समर्थन के बाद किसान सड़कों पर उतर आए हैं. जहां किसानों ने MSP (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) कानून का विरोध करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कहा आखिरी सांस तक किसान हक की लड़ाई लड़ेंगे.

'ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर जुटे किसान'

ग्रेटर नोएडा के ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर विरोध कर रहे किसानों ने कहा कि तीनों बिल किसान विरोधी हैं. 2,200 गेहूं का रेट घटाकर 1,100 रुपये कर दिया गया और इसी तरह बाजरे का रेट भी कम कर दिया गया है. विरोध कर रहे किसानों को बॉर्डर पर रोका जा रहा है. यह सरकार का कैसा न्याय है? ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर विरोध कर रहे किसानों ने स्पष्ट किया कि वह आखरी सांस तक लड़ाई लड़ेंगे.

भारी संख्या में पुकिसबल तैनात


केंद्र सरकार द्वारा किसान के बिल का विरोध करने के लिए भारी संख्या में भील अकबरपुर गांव की तरफ से दिल्ली-एनसीआर के किसान दिल्ली कूच कर रहे थे. लेकिन सभी बॉर्डरों पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है, जिन्होंने सभी किसानों को दिल्ली जाने से रोका गया.


सड़कों पर बैठे किसान

कृषि कानून के विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली कूच की तैयारी में है. ऐसे में किसानों के समर्थन में अब उत्तर प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक भी उतर आई है. जिसने पूरे उत्तर प्रदेश में चक्का जाम की घोषणा कर दी है. जिसकी वजह से किसान सड़कों पर बैठ गए हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने किसानों से की खास बातचीत

ईटीवी भारत ने किसानों से की खास बातचीत की
ईटीवी भारत को किसान नेता शमशेर राणा ने बताया कि केंद्र सरकार जो कृषि कानून लाई है. उसके विरोध में आंदोलन चल रहा है. पंजाब, हरियाणा के किसान दिल्ली कूच की तैयारी में है. ऐसे में उन पर जुल्म किया जा रहा है. उसी के विरोध में भाकियू सड़कों पर उतर चुकी है. उनका कहना है कि अगर हाईकमान का आदेश मिलता है. तो किसान दिल्ली कूच की तैयारी करेंगे.भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रभारी जय कुमार मलिक ने बताया कि कृषि कानून में खामियां ही खामियां हैं. जिसमें असीमित भंडारण की छूट कर दी गई है. इसके साथ ही एमएसपी के नाम पर सरकार किसानों को बहकाने का काम कर रही हैं.

आलाकमान के आदेश पर करेंगे दिल्ली कूच



किसान नेता बबली गुर्जर का कहना है कि हरियाणा, पंजाब के किसानों को दिल्ली जाने देना चाहिए था. क्योंकि यह एक लोकतांत्रिक देश है. लेकिन सरकार अपनी तानाशाही कर रही है. सरकार सिर्फ मौखिक रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की बात करती है. इसके लिए कोई भी कानून नहीं बनाया गया है. उनका कहना है कि अगर आलाकमान का आदेश मिलता है तो किसान दिल्ली कूच की तैयारी करेंगे.

कृषि बिल के विरोध में उतरें किसान

बदरपुर बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम

वहीं बदरपुर बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं यहां पर दिल्ली में प्रवेश करने वाली गाड़ियों पर नजर रखी जा रही है और संदिग्ध गाड़ियों की तलाशी भी ली जा रही है ताकि कोई भी व्यक्ति जो प्रदर्शनकारी है वह दिल्ली में प्रवेश न कर सके. साथ ही यहां पर दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ ही अर्ध सैनिक बलों के जवानों की भी तैनाती की गई है.

दिल्ली की सीमाओं पर कृषि बिल का विरोध करते किसान

किसान आंदोलन को देखते हुए जहां एक तरफ दिल्ली के सभी बॉर्डर पर पंजाब के किसानों को रोकने के लिए पुलिस टीम पानी की बौछार करने के साथ आंसू के गोले छोड़ रही है. तो वहीं दूसरी तरफ दिल्ली देहात के सबसे बड़े नजफगढ़ इलाके में सामान्य हालत होने के बावजूद भी किसी तरह की आशंका को देखते हुए बीएसएफ के जवान तैनात किए गए हैं.

परिस्थितियों को कंट्रोल करने के लिए तैयार जवान

नजफगढ़ के खैरा मोड़ चौक से जहां दिल्ली पुलिस के बजाय बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के हथियार लेस जवान तैनात किए गए हैं. जिससे इस इलाके में कोई विषम परिस्थिति आती है, तो उसे बीएसएफ के जवान आसानी से कंट्रोल कर सकें. बता दें कि नजफगढ़ के खैरा मोड़ इलाके में रहने वाली अधिकतर आबादी किसानों की है. इसलिए यहां हर समय बीएसएफ के जवान तैनात हैं.

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