दिल्ली पुलिस के पूर्व डीसीपी ने ऐसा क्याें कहा कि 2021 में अपराध का बढ़ना था तय - दिल्ली पुलिस
दिल्ली में वर्ष 2021 में अपराध के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं. डकैती, हत्या प्रयास, चोरी, सेंधमारी, अपहरण, झपटमारी आदि अपराधों में बीते वर्ष के मुकाबले बढ़ाेतरी हुई है. इसका एक बड़ा कारण बीते वर्ष लगा लॉकडाउन है. वर्ष 2020 में सख्ती से लॉक डाउन लगने की वजह से अपराध में काफी कमी आई थी.
दिल्ली पुलिस.
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Published : Nov 12, 2021, 7:24 PM IST
नई दिल्ली:लॉकडाउन के बाद 2021 दिल्ली पुलिस के लिए चुनौती भरा रहा. बदमाशों ने जमकर अपराध किये. राजधानी में होने वाले अधिकांश अपराधों में इस वर्ष बढ़ोतरी दर्ज की गई है. बीते अक्टूबर माह तक के आंकड़ों की बात करें तो हत्या प्रयास, लूट, डकैती, चोरी, अपहरण, महिला अपराध आदि वारदातों में इस वर्ष खासी वृद्धि देखने को मिली है. केवल हत्या की घटनाओं में वर्ष 2021 में कमी देखने को मिली है.
दिल्ली पुलिस के पूर्व डीसीपी एलएन राव (Former DCP of Delhi Police LN Rao) ने बताया कि राजधानी में इस वर्ष अपराध का बढ़ना तय था. इसकी चार प्रमुख वजह हैं. पहली वजह 2020 में अपराध का तेजी से घटना है. वर्ष 2020 में डेढ़ माह से ज्यादा समय तक बेहद सख्त लॉक डाउन (lock down) लगा था. उस दौरान अपराधिक वारदाताें में 80 फीसदी तक की कमी आई थी. लेकिन इस वर्ष लॉक डाउन (lock down) में काफी छूट थी. इसके चलते बीते वर्ष की तुलना में अपराध में बढ़ोतरी देखने को मिली. इस वर्ष लॉक डाउन के दौरान भी अपराध हो रहे थे. यही वजह है कि वर्ष 2020 के मुकाबले अधिकांश आपराधिक मामले बढ़े हैं.
पूर्व डीसीपी राव ने बताया कि अपराध बढ़ने का दूसरा बड़ा कारण कोविड (COVID-19) के चलते उत्पन्न हुई बेरोजगारी की समस्या है. पुलिस ने कई ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने पहली बार ऐसा किया था. अपराध का कारण अधिकांश लोगों ने कोविड में नौकरी का जाना बताया है. ऐसे में घर चलाने के लिए वह चोरी या लूट जैसा अपराध करने लगे. तीसरा कारण जेल से छोड़े गए अपराधी हैं. वर्ष 2020 के आखिर में एवं 2021 में जून-जुलाई के दौरान बड़ी संख्या में जेल से विचाराधीन कैदियों को छोड़ा गया था. बाहर आने के बाद इनमें से काफी बदमाश दोबारा वारदात करने लगे जिसके चलते इस वर्ष अपराध के आंकड़े बढ़े हुए हैं.
उन्होंने बताया कि अपराध बढ़ने का चौथा कारण फ्री रजिस्ट्रेशन हो सकता है. दिल्ली पुलिस द्वारा अधिकांश अपराधों में गंभीरता से एफआईआर (FIR) दर्ज की जाती है और उसे सुलझाने का प्रयास किया जाता है. दिल्ली में आसानी से कोई भी एफआईआर (FIR) दर्ज करवा सकता है. इसकी वजह से प्रत्येक वर्ष अपराध के आंकड़ों का बढ़ना सामान्य बात है. लेकिन इसके साथ ही पुलिस को स्ट्रीट क्राइम (street crime) कम करने के लिए कड़े प्रयास करने चाहिए.