डीसीपी राजेश देव ने बताया कि इस मामले में बीते एक सप्ताह से पुलिस की टीम शरदेन्दु की तलाश में छापेमारी कर रही थी. इसकी वजह से उसने अदालत के समक्ष अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे मंगलवार को खारिज कर दिया गया. इसके बाद वह कोतवाली स्थित क्राइम ब्रांच में आत्मसमर्पण कर दिया.
अर्पित अग्निकांड: मालिक ने किया समर्पण, कोर्ट ने खारिज कर दी थी जमानत याचिका - ईटीवी दिल्ली
नई दिल्ली: अर्पित होटल अग्निकांड के बाद से फरार चल रहे मालिक शरदेन्दु ने क्राइम ब्रांच के दफ्तर में मंगलवार को आत्मसमर्पण कर दिया. शरदेन्दु ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अदालत में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया. याचिका खारिज होने के बाद उसने क्राइम ब्रांच के दफ्तर में सरेंडर कर दिया.
छिप रहा था आरोपी
पुलिस सूत्रों ने बताया कि घटना वाली रात होटल के मैनेजर विकास ने फोन कर घटना क्रम के बारे में शरदेन्दु को बताया था. उसने कुछ देर में वहां आने की बात कही थी, लेकिन इसके बाद अपना फोन स्विच ऑफ कर फरार हो गया. इसके बाद से वह लगातार इधर उधर पुलिस से बचता फिर रहा था. इस दौरान उसने अपने ही रिश्तेदारों के घर में पनाह ली. पुलिस की लगातार दबिश की चलते उसने आत्मसमर्पण कर दिया. इस होटल का लाइसेंस शरदेन्दु के नाम पर ही था जो लगभग 12 साल पहले लिया गया था.
आमना-सामना करवाएगी पुलिस
पुलिस अदालत में पेश करने के बाद आरोपी शरदेन्दु को रिमांड पर लेगी. पुलिस उसका सामना उसके भाई राकेश से करवाएगी ताकि दोनों की स्पष्ट भूमिका सामने आ सके. अभी तक की जांच से पता चला है कि यह होटल राकेश का है. उसके खिलाफ वर्ष 2002 में सीबीआई ने ठगी का मामला दर्ज किया था जिसके चलते उसके नाम पर होटल का लाइसेंस नहीं मिल सकता था. इसलिए उसने वर्ष 2006 में अपने भाई शरदेन्दु के नाम पर इस होटल का लाइसेंस लिया था.