बेंगलुरु: चीनी कंपनी शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने बैंक खातों में जमा अपनी रकम जब्त किए जाने के मामले में एक बार फिर कर्नाटक हाई कोर्ट (Xiaomi India case Karnataka high court) का दरवाजा खटखटाया है. कंपनी ने तीन अक्टूबर को दायर एक याचिका में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत गठित सक्षम प्राधिकारी की तरफ से जब्ती आदेश की पुष्टि करने संबंधी 29 सितंबर 2022 के आदेश को चुनौती दी है. सक्षम प्राधिकारी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 29 अप्रैल को दिए गए जब्ती आदेश की पुष्टि कर दी है.
ईडी ने इस साल की शुरुआत में शाओमी के बैंक खातों में जमा 5,551.27 करोड़ रुपये जब्त करने का आदेश दिया था. यह आदेश कथित तौर पर फेमा नियमों का उल्लंघन करने और रॉयल्टी भुगतान की आड़ में भारत के बाहर तीन कंपनियों को धनराशि भेजने के लिए दिया गया था. शाओमी ने इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि, अदालत ने उसे फेमा के तहत सक्षम प्राधिकारी से संपर्क करने को कहा था.
न्यायमूर्ति एनएस संजय गौड़ा की अवकाश पीठ ने गुरुवार को शाओमी की याचिका पर सुनवाई की. शाओमी ने न्यायालय से अंतरिम आदेश जारी करने का अनुरोध किया लेकिन उसकी तरफ से सक्षम प्राधिकारी के आदेश की प्रति पेश नहीं की गई. कंपनी ने इससे भी छूट देने की मांग की. हालांकि अदालत ने चार सप्ताह के भीतर शाओमी को इस आदेश की प्रति पेश करने को कहा.