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आखिर क्यों बदली गई बजट पेश करने की डेट, जानें - केंद्रीय बजट 2024

Union Budget 2024- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी. लेकिन इस बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं की जाएगी. इस बजट को पहले फरवरी के आखिर में पेश किया जाता था, जिसे बदल कर 1 फरवरी कर दिया गया. जानें क्यों बदला गया बजट पेश करने का डेट. पढ़ें पूरी खबर...

Union Budget 2024 (File Photo)
केंद्रीय बजट 2024 (फाइल फोटो)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 7, 2024, 10:41 AM IST

नई दिल्ली:केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को फाइनेंशियस ईयर के लिए अंतरिम केंद्रीय बजट 2024 पेश करने वाली है. इस बजट में कोई बड़ी घोषणा की जाएगी. लोकसभा चुनावों के नतीजे घोषित होने तक इस बजट को प्लेसहोल्डर माना जाएगा. वित्त मंत्री ने पहले ही कहा है कि अंतरिम बजट 2024 में कोई बड़ा नीतिगत बदलाव शामिल नहीं होगा. बजट 2024 को देश में आम चुनाव के बाद नई सरकार बनने के बाद ही पेश किया जाएगा

केंद्रीय बजट को कई सालों से 1 फरवरी को किया जा रहा है. लेकिन क्या आपको पता है पहले इस बजट को फरवरी के आखिर में पेश किया जाता था. बजट प्रस्तुति की तारीख पहली बार 2017 में बदली गई थी, जब वित्त मंत्रालय द्वारा बजट दस्तावेज पहली बार महीने के आखिरी सप्ताह के बजाय 1 फरवरी को पेश किया गया था.

साल 2017 में 1 फरवरी को तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की थी कि केंद्रीय बजट अब फरवरी के पहले दिन पेश किया जाएगा, न कि महीने के आखिरी कार्य दिवस पर, जैसा कि कोलोनियल युग में किया जाता था.

क्यों बदला गया केंद्रीय बजट प्रस्तुति की डेट को?
बजट को महीने के आखिरी दिन के बजाय 1 फरवरी को पेश करने का प्राथमिक कारण ब्रिटिश शासन के तहत कोलोनियल युग के दौरान अपनाई जाने वाली प्रथा को समाप्त करना था. लेकिन आपको बता दें कि बजट डेट को बदलवने का एक यही नहीं कारण था. अरुण जेटली ने बताया था कि फरवरी के लास्ट में बजट पेश करने से सरकार को नई नीतियों और बदलावों की लिए तैयारी के लिए काफी कम समय मिलता है. इस वजह से बजट पेश की डेट को बदल कर 1 फरवरी करने का फैसला लिया गया था.

रेलवे बजट को यूनियन बजट को किया गया शामिल
इसके साथ ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रेलवे के लिए अलग बजट पेश करने की प्रथा को भी खत्म कर दिया, जैसा कि ब्रिटिश शासन के तहत किया जाता था. वित्त मंत्री ने घोषणा की थी कि रेलवे बजट को केंद्रीय बजट में मिला दिया जाएगा. सात ही बता दें कि पहले बजट पेश करने का समय भी अलग-अलग ही हुआ करता था.

ब्रिटिश काल में बजट ब्रिटिश स्थानीय समय के अनुसार शाम 5 बजे पेश किया जाता था. हालांकि, आजादी के बाद भी भारत में इस प्रथा को नहीं बदला गया. 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार के दौरान, वित्त मंत्री यशवंत सिंह ने प्रस्ताव दिया था कि केंद्रीय बजट शाम 5 बजे के बजाय सुबह 11 बजे पेश किया जाना चाहिए. इससे संसद के सांसदों को इसके बारे में अधिक चर्चा और बहस का समय मिल सके.

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