शेयर बाजार में करना चाहते हैं निवेश तो तुरंत खुलवाएं डीमैट अकाउंट, जानिए प्रोसेस
यदि आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो एक आपके लिए सबसे जरूरी है एक डीमैट अकाउंट. इसके माध्यम से आप शेयर बाजार में रियल टाइम कारोबार में हिस्सा ले सकते हैं वह भी बिना किसी ब्रोकर की मदद के. डीमैट अकाउंट क्या होता है, इसे कैसे ओपन कराया जा सकता है और इसके क्या-क्या फायदे हैं जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...... (demat account, want to invest in the stock market then open a demat account, How to open demat account, Demat Account National Securities Depository Limited)
हैदराबाद: शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोग डीमैट अकाउंट शब्द से तो परिचित ही होंगे. अगर आप शेयर बाजार (NSE और BSE) या किसी और सिक्योरिटीज में निवेश करना चाहते हैं, तो डीमैट अकाउंट जरूरी है. आपके द्वारा किए जाने वाले ट्रेड और लेनदेन के इलेक्ट्रॉनिक सेटेलमेंट के लिए डीमैट अकाउंट नंबर जरूरी है. कई ऐसे भी लोग हैं जो शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं. उन्हें डीमैट अकाउंट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. तो चलिए आज इस खबर के जरिए हम आपको बतायेंगे कि आखिर ये डीमैट अकाउंट क्या होता है और कैसे काम करता है.
क्या होता है डीमैट अकाउंट डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट की तरह ही होता है. इसमें आप शेयर प्रमाणपत्र और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रख सकते हैं. डीमैट अकाउंट का मतलब होता है Dematerialisation Account इसमें शेयर, बॉन्ड्स, Government Securities,म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे निवेश को रखने की प्रक्रिया काफी आसान हो जाती है. इस अकाउंट के माध्यम से शेयरों और संबंधित दस्तावेज के रखरखाव की परेशानियां दूर हो जाती हैं.
डीमैट अकाउंट किसी कंपनी का शेयर खरीदने के साथ ही आपके नाम पर ट्रांसफर कर दिया जाता है. डीमैट अकाउंट की वजह से अगर आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो अपको किसी भी कागजी प्रक्रिया से गुजरना नहीं पड़ता है. बता दें, कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए भारत ने NSE पर व्यापार के लिए 1996 में डीमैट अकाउंट सिस्टम की शुरुआत की थी.
डीमैट अकाउंट कैसे ओपन करें डीमैट अकाउंट खोलना काफी सरल है. आप Demat Account National Securities Depository Limited या फिर सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड के साथ अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं. ये डिपॉजिटरी प्रतिभागी (DP) प्रतिनिधि अपॉइन्ट करती हैं, जो खुद और निवेशकों के बीच मीडीएटर की तरह काम करती है. बता दें जिस प्रकार से बैंक अकाउंट में पैसा डिपॉजिट किया जाता है. वैसे ही डीमैट अकाउंट आपके इन्वेस्टमेंट को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखता है. जिसे आप इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे कि लैपटॉप, स्मार्ट फोन और इंटरनेट के साथ आसानी से एक्सेस कर सकते हैं.
डीमैट अकाउंट के सिएडिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट महत्पूर्ण मालूम हो, डीमैट अकाउंट को एक्सेस करने के लिए आपके पास एक unique login id और पासवर्ड होना जरूरी है. बता दें आपके डीमैट अकाउंट में किसी भी तरह का 'Minimum Balance' होना जरूरी नहीं है. डीमैट अकाउंट के लिए आप आप किसी भी डिपॉजिटर्स की वेबसाइट पर जाकर उनकी डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट की लिस्ट प्राप्त कर सकते हैं. जिसके साथ आप अपना डीमैट एकाउंट खोलना चाहते हैं. उस डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट का सलेक्शन उनके Annual Fee के हिसाब से करें. DP ID डीमैट अकाउंट नंबर का हिस्सा यह ध्यान में रहे कि आप एक से अधिक डीमैट एकाउंट को एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के साथ नहीं जोड़े क्योंकि एक पैन कार्ड को कई डीमैट अकाउंट के साथ जोड़ा जा सकता है. आपका डीमैट अकाउंट खुलने के बाद यह श्योर करें, कि आपको अपने डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट से निम्नलिखित विवरण रिसीव हुआ है या नहीं. बता दें, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट ID आपके डीमैट अकाउंट नंबर का हिस्सा है. डीमैट अकाउंट नंबर को सीडीएलएस के तहत एक बेनिफिशियरी आईडी' के रूप में जाना जाता है. यह खासकर 16 कैरेक्टर का होता है.
डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट क्या है? डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) ऐसी जगह है जो एक बैंक जैसा दिखता है जो मनी स्टोर करता है और लेनदेन करता है. बता दें भारत में कई बैंकों के द्वारा डीमैट अकाउंट (Demat Account) की सुविधा दी जाती है. इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का नाम सबसे ऊपर है एसबीआई भी कस्टमर्स को डीमैट अकाउंट की सुविधा देता है. अगर किसी व्यक्ति का डीमैट खाता नहीं है तो वह शेयर बाजार में इन्वेस्ट नहीं कर सकता है. डीमैट खाता खोलने के लिए सबसे पहले सही डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट का चुनाव करें, कोई बैंक, वित्तीय संस्थान या ब्रोकर भी हो सकता है.