नई दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन ग्रुप की कंपनियों को ऋण देने में बरती गई कथित अनियमितताओं के सिलसिले में बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) एवं प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को शनिवार को मुंबई की एक विशेष अदालत में पेश किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ऋण मामले में चंदा और दीपक कोचर से पूछताछ करने के लिए अदालत से उनकी तीन दिन की पुलिस हिरासत की मांग की. इस पर विचार करते हुए अदालत ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को 26 दिसंबर तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है.
उन्होंने बताया कि सीबीआई अधिकारियों का एक दल शनिवार सुबह दोनों को विमान से दिल्ली से मुंबई ले गया. इसके बाद उन्हें स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. सीबीआई के वकील ने कहा, "हमने दोनों आरोपियों (आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और दीपक कोचर) को सीआरपीसी की धारा 41 का नोटिस दिया था, लेकिन उन्होंने सहयोग नहीं किया, इसलिए हमने उन्हें गिरफ्तार कर लिया."
बता दें कि कोचर दंपत्ति को शुक्रवार को सीबीआई मुख्यालय बुलाया गया था और कुछ देर तक पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दोनों जवाब देने में आनाकानी कर रहे हैं और जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी द्वारा इस मामले में जल्द ही पहला आरोपपत्र दाखिल किए जाने की संभावना है, जिसमें वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत के साथ कोचर दंपत्ति को भी नामजद किया जा सकता है.
उन्होंने बताया कि सीबीआई ने आपराधिक साजिश से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत 2019 में दर्ज प्राथमिकी में दीपक कोचर के प्रबंधन वाली कंपनियों-नुपॉवर रिन्यूबल्स, सुप्रीम इनर्जी, वीडियोकॉन इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटिड, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटिड के साथ-साथ कोचर और धूत को भी बतौर आरोपी नामजद किया था. सीबीआई ने आरोप लगाया था कि आईसीआईसीआई बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशा-निर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन ग्रुप की कंपनियों को 3,250 करोड़ रुपये का ऋण दिया था.